बिहार में पंचायत चुनाव में फर्जी मतदान करते पकड़े जाने पर मतदाता को जेल भेजा जाएगा। राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायत चुनाव को लेकर मतदाताओं का मतदान केंद्र पर बायोमैट्रिक विधि से सत्यापन के संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किया है। आयोग के अनुसार प्रत्येक मतदान केंद्र पर बायोमैट्रिक जांच की व्यवस्था की गयी है। ताकि एक मतदाता द्वारा अपने मूल मतदान केंद्र के अतिरिक्त अन्य किसी भी मतदान केंद्र पर दोबारा मतदान करना संभव नहीं हो सके। आयोग द्वारा फर्जी मतदान को रोकने के लिए प्रत्येक चरण में प्रत्येक मतदान केंद्र पर मतदाताओं की बायोमैट्रिक जांच कराने का निर्णय लिया गया है।
आयोग के अनुसार प्रत्येक बूथ पर एक तकनीकी कर्मी बायोमैट्रिक उपकरण एवं टैबलेट लेकर तैनात रहेगा। जो मतदाता का अंगूठे का निशान, उनका फोटो, इपिक या अन्य पहचान पत्र, मतदाता पर्ची का फोटो लेकर उसे बायोमैट्रिक प्रणाली के डाटाबेस में सुरक्षित करेगा। यदि कोई मतदाता बूथ पर दोबारा मतदान करने आता है तो सिस्टम तुरंत उसकी पहचान कर लेगा तथा उसे फर्जी मतदाता के रूप में चिह्नित कर अलर्ट भेजेगा। इस प्रकार, फर्जी व दोबारा मतदान पर रोक लगायी जाएगी। साथ ही, ऐसे फर्जी मतदाता पर पंचायतीराज अधिनियम के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
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