बिहार के कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा) के बयान पर उन्हीं के पार्टी के विधायक शकील अहमद खां ने हैरानी जताई है। कहा है कि उनके बयान के वे खिलाफ हैं। कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण करने के दौरान शराबबंदी की शपथ दिलाई जाती है। इसलिए उन्हें पार्टी का सिद्धांत पढ़ लेना चाहिए। विधायक ने कहा कि जिस समय शराबबंदी कानून लागू हुआ था उस समय कांग्रेस सरकार में थी। मद्य निषेध विभाग के मंत्री भी कांग्रेस के ही थे। उस समय हम लोगों ने शपथ ली थी। मानव शृंखला बनी थी। इतना होने के बावजूद शराबबंदी उठाने की बात कहना हास्यास्पद है।
शकील अहमद खां ने यह भी कहा कि लोगों को पीने के नुकसान और नहीं पीने के फायदे बताने चाहिए। इसके लिए जनजागरूकता जरूरी है। शराबबंदी के बाद से डोमेस्टिक वायलेंस में कमी आई है। सड़क हादसे में कमी आई है। कई अपराध कम हुए हैं
बता दें कि कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा ने कहा था कि बिहार में जहरीली शराब से जिस तरह से मौत हो रही है। सरकार को इस पर सोचना चाहिए। उन्होंने कहा कि शराबबंदी खत्म करिए। उन्होंने तर्क दिया था कि तिगुनी-चौगुनी कीमत पर बेचिए। उससे राजस्व मिलेगा तो बिहार की सेहत सुधरेगी।
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