कहीं पुल-पुलिया बन गए तो सड़क नदारद, कहीं सड़क बन गए तो पुल-पुलिया नदारद… ऐसी स्थिति राज्य के ग्रामीण इलाकों की है। अब ग्रामीण कार्य विभाग ने बिना पहुंच पथ के बन गए पुल-पुलियों को सड़क से जोड़ने की तैयारी में जुट गया है। साथ ही विभाग उन सड़कों में पुल बनाने की भी तैयारी कर रहा है जहां इसका निर्माण शुरू नहीं हो सका है। इंजीनियरों से इसकी रिपोर्ट मांगी गई है। दरअसल, पिछले दिनों हुई उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में पाया गया कि राज्य के ग्रामीण इलाकों में विभिन्न मदों में आहर-पईन पर पुल बन गए हैं, लेकिन पहुंच पथ का निर्माण नहीं हो सका है। पुल बनने के बाद अब ग्रामीणों की ओर से सड़क बनाने की मांग की जा रही है। इसे देखते हुए ग्रामीण कार्य विभाग ने प्रारम्भिक सर्वे कराया। इसमें पाया गया कि विभाग के अधीन लगभग चार दर्जन कार्यप्रमंडलों की स्थिति ऐसी है, जहां पुल-पुलिया बन चुके हैं लेकिन पहुंच पथ का निर्माण नहीं हो सका है। इस कारण इन पुलों का उपयोग नहीं हो पा रहा है। विभाग ने संबंधित कार्य प्रमंडल के कार्यपालक अभियंताओं के साथ बैठक करने का निर्णय लिया है। इसके बाद इन पुलों को सड़क से जोड़ने की कार्ययोजना बनेगी। विभाग की कोशिश है कि अगले वित्तीय वर्ष में कुछेक में काम भी शुरू कर दिया जाए। राज्य में कुछेक ऐसी सड़कें भी हैं, जिसमें पुल-पुलियों का निर्माण नहीं हो सका है। सड़क निर्माण होते समय यह सही तरीके से आकलन नहीं किया गया कि अमुक सड़क में पुल-पुलियों की आवश्यकता है। बरसात में अधिक पानी आने पर सड़कों को नुकसान होने पर विभाग को पुल-पुलिया बनाने की आवश्यकता महसूस हुई।
इन कार्यप्रमंडलों में बिना पहुंच पथ के पुल
अरवल, औरंगाबाद, बेनीपट्टी, बेनीपुर, बेतिया, भभुआ, बिक्रमगंज, चकिया, छपरा-दो, दलसिंहसराय, दरभंगा-एक, डुमरांव, गया, हरनौत, इमामगंज, जगदीशपुर, जयनगर, झंझारपुर, कटिहार, खड़गपुर-तारापुर, किशनगंज-दो, लखीसराय, मधुबनी, महाराजगंज, महनार, महुआ, मनिहारी, मंझौल बखरी, मोहनियां, मोतिहारी, मुजफ्फरपुर पूर्वी-एक, नवगछिया, नीमचक बथानी, पकड़ीदयाल, पालीगंज, पटोरी, पीरो, राजगीर, रक्सौल, समस्तीपुर, सासाराम-एक, शेखपुरा, सीतामढ़ी, सीवान-एक व सुपौल।
पुराने पुलों की होगी नियमित जांच
वहीं विभाग ने पुराने पुल-पुलियों की नियमित जांच कराने का निर्णय लिया है। विभाग के अभियंता प्रमुख अशोक कुमार मिश्रा की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि ग्रामीण पथों में पुलों की नियमित जांच व मरम्मत का निर्णय लिया गया है। सभी अधीक्षण व कार्यपालक अभियंताओं को कहा गया है कि पुराने पुलों की नियमित जांच व आवश्यकतानुसार विभाग में नियुक्त पुल सलाहकार से परामर्श कर इसकी मरम्मत सुनिश्चित करें। पुलों की जांच से संबंधित प्रमंडलवार स्थिति को स्पष्ट करते हुए इंजीनियरों से रिपोर्ट मांगी गई है।
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