शुक्रवार को बिहार विधानसभा में ललित कुमार यादव समेत 20 विधायकों के ध्यानाकर्षण सवाल पर सरकार की ओर से प्रभारी गृहमंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि ड्यूटी के दौरान एक लोक सेवक की हत्या के आरोप में जेल में बंद आनंद मोहन को परिहार (रिहाई) नहीं मिल सकता है।
आनंद मोहन के पुत्र चेतन आनंद ने कहा कि आनंद मोहन जी को छह माह अधिक हो गये हैं, क्यों नहीं परिहार दिलाया जा रहा है। कई और प्रश्नकर्ता ने इसे राजनीति से प्रेरित बताया और वेल में आकर नारेबाजी की।
जवाब में प्रभारी मंत्री ने कहा कि राहत प्राप्त करना आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे किसी कैदी का कानूनी अधिकार नहीं है। अपितु कारा में उनके अच्छे आचरण को देखते हुए उनकी सजावधि को कम किया जाता है और अब तक 374 कैदियों को अच्छे आचरण के कारण रिहा किया जा चुका है। कानून में साफतौर पर उल्लेख है कि ड्यूटी पर तैनात सरकारी कर्मचारी की हत्या के दोषी को राहत नहीं मिल सकती। जहां तक आनंद मोहन का सवाल है, वह तो कलेक्टर की हत्या के दोषी हैं और उन्हें जेल से छोड़ा नहीं जा सकता।
यादव ने आजीवन सजायाफ्ता बंदियों के समयपूर्व रिहाई को लेकर परिहार परिषद की 2018 से हुई कुल बैठकों का तिथिवार ब्योरा रखते हुए कहा कि हाल की बैठक 1 नवंबर 2021 को हुई थी और चूंकि आनंद मोहन जनसेवक की ड्यूटी के दौरान हत्या में दोषी हैं इसलिए उनकी रिहाई को लेकर बैठक में विचार नहीं किया गया।
विधानसभा ने दी श्रेयसी सिंह को बधाई
अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने सुश्री सिंह के पटियाला में आयोजित नेशनल शूटिंग प्रतियोगता में गोल्ड मेडल जीतने की सूचना दी, इसपर पक्ष-विपक्ष के सभी सदस्यों व सदन में मौजूद मंत्रियों ने ताली बजाकर उन्हें बधाई दी। अपनी सीट से उठ कर श्रेयसी सिंह ने भी हाथ जोड़कर सभी की बधाइयां व अभिवादन स्वीकारा।
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