विजिलेंस की टीम ने लगातार समस्तीपुर में दबिश बना रखा है। बुधवार को विजिलेंस की टीम ने शहरी इलाके से रिश्वत लेते हुए बिजली विभाग के जूनियर इंजीनियर को रंगे हाथ पकड़ा था। अब गुरुवार को विजिलेंस की टीम ने मोरवा अंचल के सर्किल इंस्पेक्टर सह राजस्व कर्मचारी दयाशंकर प्रसाद को 50 हजार रुपए घूस लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा है।
जमीन के म्यूटेशन (दाखिल-खारिज) के नाम पर इन्होंने रिश्चत मांगी थी। सबसे बड़ी बात ये है कि दयाशंकर प्रसाद ने किराए के मकान में अपना एक प्राइवेट ऑफिस बना रखा था। टीम ने इन्हें वहीं से पकड़ा। मकान मनीष कुमार का था। दरअसल, लरुआ गांव के रहने वाले विरेंद्र सिंह की जमीन है। इन्होंने उसके म्यूटेशन के लिए ऑनलाइन अप्लाई किया था। जो लंबे वक्त से पेंडिंग पड़ा हुआ था। जब विरेंद्र ने इस मामले में दयाशंकर प्रसाद से कांटैक्ट किया तो उन्होंने 50 हजार रुपए की डिमांड कर दी। यह सुन विरेंद्र के होश उड़ गए।
इसके बाद ही उसने पटना स्थित विजिलेंस मुख्यालय को इस बात की जानकारी दी। जिसके बाद FIR नंबर 37/2021 दर्ज की गई। इस केस की जांच और कार्रवाई की जिम्मेवारी डीएसपी अरूण पासवान को दी गई। इसके बाद ही टीम पटना से समस्तीपुर गई और आज रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ के बाद इन्हें मुजफ्फरपुर स्थित निगरानी कोर्ट में पेश किया गया। वहां से जेल भेज दिया गया। बिहार में जमीन के म्यूटेशन के नाम पर बड़ा खेल चल रहा है। राजस्व कर्मचारियों को अंचल ऑफिस में बैठकर अपना काम करना चाहिए था। मगर, ऐसा होता नहीं है। बिहार में अधिकांश राजस्व कर्मचारी अंचल ऑफिस में न बैठकर प्राइवेट मकान में किराए पर कमरा लेते हैं और वहीं से अपनी प्राइवेट ऑफिस चलाते हैं व रिश्वत के रूप में काली कमाई करते हैं।
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