April 18, 2024

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बिहार मदरसा बाेर्ड बना देश के लिए राेल माॅडल, स्थापना के 100 साल बाद यह उपलब्धि हुई हासिल

बिहार मदरसा शिक्षा बोर्ड देश में रोल मॉडल हो गया है। स्थापना के 100 साल बाद बोर्ड ने ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। शुक्रवार को केंद्रीय अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय के अधिकारियों के बीच दिल्ली के हैबिटेट सेंटर में बिहार के अलावा गुजरात, यूपी, केरल, कर्नाटक, ओडिशा, राजस्थान, मध्यप्रदेश के मदरसा बाेर्ड के चेयरमैन व सचिव भी माैजूद थे। सभी बाेर्ड ने अपना प्रेजेंटशन दिया।

बिहार मदरसा बाेर्ड के काम काे खूब सराहा गया और मंत्रालय ने इसे देश के मदरसा बाेर्ड के लिए राेल माॅडल घाेषित किया। बिहार मदरसा बाेर्ड का हाल ही अपना सर्वर हाे गया है। पिछले दाे साल से निजी कंपनी के सर्वर से काम चल रहा था। तब से सभी बाेर्ड का सारा काम ऑनलाइन हाे रहा था।

वहीं मदरसा बाेर्ड ने क्लास एक से 8 तक के लिए एससीईआरटी और क्लास 9 से माैलवी इंटर तक के लिए एनसीईआरटी सिलेबस लागू कर दिया है। इसके अलावा बिहार के 4000 मदरसाें के शिक्षकाें को सातवां वेतन मिल रहा है। सभी मदरसाें में ड्रेस काेड लागू है। सभी छात्राें काे मिड डे मील दिया जाता है।

यूपी में केवल 500 मदरसाें काे सरकारी वेतन मिलता है जबकि वहां मुसलमानाें की सबसे बड़ी आबादी है। बिहार सरकार मदरसाें के शिक्षकाें के लिए हर साल 483 कराेड़ का बजट देती है जबकि यूपी में करीब 125 कराेड़। इन सब उपलब्धियाें की वजह से बिहार मदरसा बाेर्ड राेल माॅडल बना।

प्रेजेंटेशन के बाद बिहार मदरसा बाेर्ड के चेयरमैन अब्दुल कय्यूम अंसारी व अन्य अधिकारियाें ने दिल्ली स्थित प्रेस क्लब में प्रेस काॅन्फ्रेंस भी किया। प्रेजेंटशन में अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय की सचिव रेणुका कुमार, संयुक्त सचिव नगमा निगार हसन के अलावा बिहार अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की सचिव डाॅ. सफीना एएन, विभाग के संयुक्त सचिव एएए फैजी, डिप्टी डायरेक्टर इबरार आदि माैजूद रहे।

इन कामों से बना राेल माॅडल

  • सभी विषय के लिए लर्निंग आउटकम के लिए एक गाइडलाइन।
  • 3 हजार शिक्षकाें काे यूनिसेफ की ओर से पढ़ाने की ट्रेनिंग दी गई।
  • मदरसा बाेर्ड के दाे दफ्तर, एक पटना में और एक पूर्णिया में।
  • मुख्यमंत्री मदरसा पुस्तक वितरण वैन से पुस्तकों की उपलब्धता।
  • मदरसाें में साइकिल, छात्रवृत्ति, मिड डे मील, पोशाक योजना लागू।
  • मुख्यमंत्री प्रोत्साहन योजना के तहत वर्ग- फौकानिया में प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण छात्राें काे 10 हजार और मौलवी में प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण छात्रा को 15 हजार।
  • मदरसा बोर्ड में आईटी शाखा की स्थापना।
  • 1127 श्रेणी के मदरसों को कम्प्यूटर, प्रिंटर एवं यूपीएस दिया गया।
  • काेराेना काल में छात्राें काे ऑनलाइन पढ़ाया गया। बाद में इसे यू-ट्यूब पर डाला गया।
  • कैरियर गाइडेंस प्राेग्राम शुरू किया गया।
  • बाेर्ड ने काेराेना वैक्सीन जागरुकता वैन हर जिले में भेजी।