समस्तीपुर कोर्ट ने आर्म्स एक्ट मामले में विभूतिपुर से JDU के पूर्व विधायक रामबालक सिंह और उनके भाई लाल बाबू सिंह को दोषी करार दिया है। इस मामले में सोमवार को फिर सुनवाई होगी। इसको लेकर कोर्ट ने दोनों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। यह घटना वर्ष 2000 की है। आरोप था कि उनके आदेश पर ललन सिंह को गोली मारी गई।
बचाव पक्ष के वकील कर्मवीर कुमार ने बताया कि अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश तृतीय सह एमपी एमएलए विशेष कोर्ट ने दोनों को 354 व 27 आर्म्स एक्ट में दोषी पाया है। न्यायालय के आदेश का सम्मान करते हैं। इसके खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील दायर करेंगे। अधिकतम सात साल और कम से कम 3 साल की सजा हो सकती है।
वादी ललन सिंह के वकील ने बताया कि ललन सिंह वर्ष 2000 में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के कार्यकर्ता थे। इनके ऊपर कातिलाना हमला किया गया था। इसमें वह जख्मी हो गए थे और उनके दाहिने हाथ की चार उंगलियां उड़ गई थीं, जिसके बाद उन्होंने मुकदमा किया था। आरोप है कि ऊपर तक पहुंच और दबंग होने के कारण इन्होंने पुलिस से अपने को बरी करा लिया था। न्यायालय ने 21 वर्षों के बाद न्याय दिया है। जजमेंट पढ़ने के बाद अगले कदम पर निर्णय लेंगे।
इधर, कोर्ट परिसर में मौजूद पूर्व विधायक रामबालक सिंह ने कहा कि अभी कुछ भी बोलेंगे तो जल्दबाजी होगी। हम न्यायालय के फैसले का सम्मान करते हैं।
शादी समारोह में गए थे, वहीं हुई वारदात
विभूतिपुर थाना क्षेत्र के शिवनाथपुर में 4 जून 2000 की रात गंगा सिंह की बेटी की शादी में शामिल होने CPM के ललन सिंह गए थे। यहां पूर्व विधायक रामबालक सिंह और उनके भाई लालबाबू सिंह भी पहुंचे थे। दोनों में पहले से अदावत थी। इस दौरान ललन सिंह पर नजर नजर पड़ते ही विधायक और उनके भाई ने ललन सिंह को पकड़ने दौड़े, लेकिन वह किसी तरह वहां से बाहर निकल गए। इसके बाद दोनों भाई भी अपने अन्य साथियों के साथ ललन को पकड़ने निकले, जहां पूर्व विधायक के भाई ने गोली चला दी। गोली लगने से ललन सिंह के दाहिने हाथ की चार उंगलियां उड़ गई। ललन सिंह ने किसी तरह भाग कर अपनी जान बचाई और इसकी सूचना पुलिस को दी गई। इसके बाद पूर्व विधायक, उनके भाई और अन्य अज्ञात पर प्राथमिकी दर्ज की गई।
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