चिराग पासवान और पशुपति पारस दोनों की पार्टियों का नाम बदल गया है। साथ ही दोनों को नया चुनाव चिह्न भी अलाट कर दिया गया है। लोजपा के दोनों में से किसी भी गुट को अब बंगला चुनाव चिह्न का इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं होगी। चिराग पासवान के हिस्से की पार्टी अब लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) और पशुपति पारस की पार्टी अब राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के नाम से जानी जाएगी।
चुनाव आयोग ने फ्रीज किया था सिंबल
रामविलास के निधन के बाद लोक जनशक्ति पार्टी पर पर कब्जे को लेकर जमुई सांसद चिराग पासवान और पशुपति कुमार पारस के बीच लगातार तनातनी चल रही थी। इसके बाद चुनाव आयोग ने फैसला लेते हुए चुनाव चिन्ह बंगला को जब्त कर दिया था। चुनाव आयोग के इस फैसले के बाद चिराग पासवान ने कहा था कि ये उनकी जीत है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के निधन के बाद से पार्टी के अंदर खींचतान शुरू हो गई थी। 16 जून 2021 को लोजपा की संसदीय बोर्ड की बैठक में चिराग पासवान को साइड कर दिया गया और पशुपति कुमार पारस को संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष चुन लिया गया था। इसके बाद से ही लोजपा पर कब्जे को लेकर चिराग और पशुपति कुमार पारस के बीच रस्साकशी जारी थी। दोनों गुट लोजपा पर अपने दावेदारी ठोक रहे थे।
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