डीएमसीएच के पास रात को हुई पथराव बाज़ी के बाद रात तीन बजे से ही जूनियर डॉक्टरों ने ओपीडी और इमरजेंसी में इलाज बंद कर दिया है। इस वजह से डीएमसीएच में इलाज के लिए पहुंच रहे मरीजों को वापस लौटना पड़ रहा है। घटना को लेकर स्थानीय लोगों में जबरदस्त गुस्सा देखने को मिल रहा है। और बड़ी संख्या में लोग सुबह से घटनास्थल पर जुटे हुए हैं। लोगों के भीड़ और गुस्से को देखते हुए जूनियर डॉक्टर डर से अस्पताल नहीं आ रहे हैं। आईएमए के जिला सचिव डॉ. आमोद कुमार झा ने इस घटना पर दुःख जाहिर किया है और राज्य सरकार से घटना जांच कर दोषियों पर कार्रवाई करने की मांग की है। घटना के विरोध में लोगों ने रोड को जाम कर दिया है। सड़क पर बांस-बल्ला लेकर धरने पर बैठ गए हैं। और वो दोषियों पर कार्रवाई करने की मांग कर रहे हैं। उधर, घटना की जांच के लिए सदर एसडीओ और एसडीपीओ मौके पर पहुंच गए हैं। और वे स्थानीय लोगों से पूछताछ कर रहे हैं।बता दें कि शुक्रवार की रात जूनियर डॉक्टरों और एक दवा दुकान के मालिक के बीच किसी बात को लेकर कहासुनी हुई थी। इसके बाद जूनियर डॉक्टरों ने तीन दुकानों में आग लगा दी। आग लगने से एक स्कूल की दो कार भी जलकर राख हो गयी। आग बुझाने के दौरान कार में लगे गैस सिलिंडर के फटने से फायर ब्रिगेड के दो कर्मी घायल हो गए। इनमें से एक कर्मी गंभीर है। उसका इलाज शहर के एक निजी अस्पताल में चल रहा है। उधर, पीड़ित दुकानदार का कहना है कि जूनियर डॉक्टर शराब के नशे में थे। और अभी पुलिस छानबीन चल रही है।
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