बिहार में सांसदों, विधायकों व विधान पार्षदों का रुतबा बढ़ेगा। अगर ऐसे जनप्रतिनिधियों के द्वारा अगर किसी कार्य के लिए अधिकारियों को पत्र लिखा जाता है तो पत्र प्राप्त होने की जानकारी के साथ-साथ उसका उत्तर भी अधिकारियों को समय से देना होगा। अगर इस श्रेणी के जन-प्रतिनिधि कोई सरकारी सूचना मौखिक रूप से मांगते हैं तो ऐसी अति सामान्य सूचनाएं विनम्रतापूर्वक दी जा सकेंगी।
सरकारी कर्मियों व अधिकारियों को संसद सदस्यों तथा राज्य विधानमंडल के सदस्यों के साथ विनम्रता तथा शिष्टाचार का बर्ताव करना चाहिए। बातों को धैर्यपूर्वक सुनें और उस पर ध्यानपूर्वक विचार करें। अगर किसी सदस्य के अनुरोध अथवा सुझाव को मानने में असमर्थता की स्थिति है तो विनम्रतापूर्वक इसे भी स्पष्ट कर दिया जाना चाहिए।
सांसदों को सचिवों से ऊपर रखे जाने का प्रविधान है। इसलिए अगर किसी राजकीय समारोह में वह आमंत्रित किए जाते हैं तो उनके बैठने की व्यवस्था राज्यपाल व मुख्य न्यायाधीश के तुरंत बाद करना है। राज्य विधानमंडल के सदस्यों का स्थान सांसदों के तुरंत बाद किया जाना है।
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