बिहार में चल रहे पंचायत चुनाव का तीसरा चरण 8 अक्टूबर को है। इस चरण को शांतिपूर्ण तरीके से निकालना राज्य सरकार, प्रशासन व पुलिस के लिए बेहद चुनौती पूर्ण होगा। क्योंकि, इस बार वास्ता नक्सलियों के गढ़ से है। शुक्रवार को कुल 35 जिलों के 50 ब्लॉक के 756 पंचायतों में वोट डाले जाएंगे। इसके लिए कुल 6796 मतदान भवनों में 10659 मतदान केंद्र बनाए गए हैं।
इनमें कुल 445 मतदान भवन नक्सल प्रभावित इलाकों में हैं बिहार पुलिस मुख्यालय ने दावा किया है कि नक्सल प्रभावित सहित सभी मतदान केंद्रों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए है। शांतिपूर्ण, भय मुक्त, मतदान केंद्रों की सुरक्षा, EVM की सुरक्षा के लिए बिहार पुलिस के कुल 35616 अफसर और जवानों को लगाया गया है। इनमें जिला पुलिस के साथ-साथ BSMP, SAP और होमगार्ड की टीम शामिल है।
लगातार हुए फ्लैग मार्च, चले बड़े ऑपरेशन
पंचायत चुनाव पूरी तरह से शांतिपूर्ण माहौल में हो, इसे ध्यान में रखते हुए लगातार फ्लैग मार्च किए गए। अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए कई बड़े ऑपरेशन चलाए गए। चुनाव वाले जिलों में कुल 493 अवैध हथियार, 2949 गोलियां बरामद की गई। 10526 लाइसेंसी हथियार जमा कराए गए। नॉन वेलेवल सेक्शन के तहत 10751 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। इसमें चौंकाने वाली बात ये है कि पूर्ण शराब बंदी वाले राज्य में तीसरे चरण के चुनाव को लेकर शराब के लिए भी ताबड़तोड़ छापेमारी चली। इसमें 6 लाख 24 हजार 077 लीटर देशी-विदेशी शराब बरामद की गई। धारा 107 के तहत 517451 लोगों पर कार्रवाई की गई। 168066 लोगों से बांड भरवाया गया। चुनाव वाले इलाकों में गाड़ियों की चेकिंग भी बड़े स्तर पर हुई। चेकिंग के दौरान 58904500 रुपयों की जुर्माना के तौर पर वसूली हुई।
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