
पूर्व सांसद सह जाप संरक्षक पप्पू यादव को 32 साल पुराने अपहरण के मामले में सोमवार को बरी कर दिया गया। पप्पू यादव को कोर्ट में पेशी के लिए सोमवार को कोर्ट लाया गया और एडीजे (3) निशिकांत ठाकुर की कोर्ट पेश किया गया। विपक्ष की ओर से अपहरण के मामले कोई ठोस साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किए जाने के कारण कोर्ट ने पप्पू यादव को बरी कर दिया।
जनता के आशीर्वाद से आज बाइज्जत बरी हो गया। साबित हो गया फर्जी मुकदमा में मुझे कैद किया गया था। न्यायालय के प्रति आभार!
बिहार में उपचुनाव के तारीखों की भी घोषणा हो गई है। राजद और एनडीए ने अपने उम्मीदवारों की भी घोषणा कर दी है। वहीं जाप पार्टी भी इस बार दोनों सीटों पर भाग्य आजमाने की तैयारी में है। उपचुनाव के ठीक पहले पप्पू यादव की रिहाई को लेकर जाप कार्यकर्ताओं और समर्थकों में उत्साह है। क्या है पूरा मामला
मालूम हो कि वर्ष 1989 में चुनाव के दौरान मुरलीगंज से दो लोगों का अपहरण कर लिया गया था। इस मामले में मधेपुरा के पूर्व सांसद पप्पू यादव को नामजद करते मुरलीगंज थाना में अपहरण से संबंधित केस 9/89 दर्ज कर लिया गया था। इस केस में मुरलीगंज निवासी सूचक सह अपहृत राम कुमार यादव और उमा यादव के द्वारा बाद में समझौता कर लिया गया था। साथ ही पप्पू यादव को तत्काल जमानत भी मिल गई थी, लेकिन 32 वर्ष पुराने इस केस में समय सही समय पर हाजरी और पैरवी नहीं होने से पप्पू यादव की जमानत टूट गई और उन्हें 11 मई को पटना से गिफ्तार कर लिया गया था। गिरफ्तारी के बाद उन्हें मधेपुरा सिविल कोर्ट में रिमांड के लिये पेश किया गया। 11 मई 2021 की मध्य रात्रि में कोर्ट ने पप्पू यादव को न्यायिक हिरासत में वीरपुर जेल भेज दिया।
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