रविवार को ही जदयू का दामन थामा था। सलीम परवेज ने जदयू की सदस्यता हासिल करने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से उनके आवास पर भेंट भी की। इस मौके पर सलीम ने नीतीश कुमार को अल्पसंख्यकों का सच्चा फिक्रमंद बताया। जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने कहा कि जब तक बिहार में नीतीश कुमार हैं, तब तक अल्पसंख्यक यहां पूरी तरह सुरक्षित हैं। अल्पसंख्यक समाज के हित के खिलाफ कोई आंख उठाकर देख नहीं सकता।
नीतीश कुमार ने कब्रिस्तानों की घेराबंदी कराई और तेजस्वी ने मॉल की। मदरसा के शिक्षकों ने नीतीश कुमार ने सातवां वेतनमान दिया। अल्पसंख्यक समाज की बच्चियों और महिलाओं के लिए हुनर कार्यक्रम चलाए जा रहे हैैं। नीतीश कुमार के सोलह वर्षों के शासनकाल में बिहार में इतना अधिक काम हुआ है कि उतना आजादी के बाद से 2005 तक नहीं हुआ।
सलीम परवेज ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को नोबेल पुरस्कार मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि राजद में अल्पसंख्यकों की इज्जत नहीं। मात्र तीन किमी की दूरी पर रहे पार्टी के बड़े नेता का हाल यह था कि वह राजद के समर्पित अल्पसंख्यक नेता के जनाजे तक में शामिल नहीं हुए। रविवार को जदयू के प्रदेश कार्यालय में आयोजित मिलन समारोह में जदयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार, विधान पार्षद संजय कुमार सिंह उर्फ गांधी जी, ललन सर्राफ व प्रदेश उपाध्यक्ष डा. नवीन कुमार आर्य चंद्रवंशी आदि भी मौजूद थे।
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