December 23, 2024

Mookhiya

Desh ki Awaz

New Mookhiya election date announced.( Click Here )

Rajeshtan news

Rajasthan news : DG-IG सम्मेलन के अंतिम दिन प्रधानमंत्री जी ने दी नसीहत, उन्होंने कहा की “डंडा “नहीं, डेटा के साथ काम करने की जरुरत है|
राजधानी जयपुर में हुए तीन की डीजी -आईजी सम्मेलन के अंतिम दिन मोदी जी ने एक नसीयत दी उन्होंने कहा की पोलिसिंग सिस्टम को अब आधुनिक बांये, पुलिस को कहा की डंडा के साथ काम करने के बजाय डेटा के साथ काम करे|
मोदी जी ने हाल ही में संसद में पारित 3 आपराधिक कानूनों पर बात करते हुए कहा की यह कानून देश के आपराधिक न्याय प्रणाली में आदर्श बदलाव है|यह का मतलब है की नागरिक पहले, गरिमा पहले , न्याय पहले और भावनाओ से बनाये गए है | इसलिए मोदी जी ने बतया की पुलिस को डंडा के बजाय डेटा के साथ काम करने की जरुरत है | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा की नए आपराधिक कानूनों के तहत महिलाओ को दी सुरक्षा के बारे में कानूनों के बारे में जागरूक करने की जरुरत है पुलिस अधिकारी उन्हें जागरूक करे जिसे से यह पता लग सके की महिलाये सुरक्षित कही भी और किसी भी जगह निडर होकर काम कर सकती है | मोदी जी ने सम्मेलन में विशिष्ट सेवाओं के लिए पुलिस पदक भी वितरित किये, और फिर मोदी जी ने शाम के समय दिल्ली के लिए रवाना हो गये |
इन तीन दिवस सम्मेलन में केंद्रीय गृह मंत्री अमित साह ,राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल समेत राज्यो केंद्रसाशित पुलिस महानिरीक्षक, केंद्रीय पुलिस संगठनों, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के प्रमुखों ने हिस्सा लिया। सम्मेलन में नए आपराधिक कानून, आतंकवाद विरोधी रणनीतिया ,वामपंथी उग्रवाद ,साइबर खतरे दुनिया’भर के कट्टरवाद विरोधी पहल समेत राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े बहुत सारे कानूनों पर चर्चा किये |
सोशल मीडया की उपयोग की सलाह:
मोदी जी ने कहा की नागरिको को सकरात्मक जानकारी दी जाये, सन्देश प्रसारित करने के लिए पुलिस स्टेशन स्तर पर सोशल मिडिया का उपयोग किया जा सकता है | और उन्हो ने अधिकारियो को नागरिक में पुलिस की सकारात्मक छवि को सुदृढ़ करने के सुझाव भी दिए। उन्होंने लोगों को इसके जरिए प्राकृतिक आपदाओं और आपदा राहत पर अग्रिम जानकारी दी जा सकती है। नागरिक-पुलिस संपर्क मजबूत करने के लिए विभिन्न खेल कार्यक्रम आयोजित किए जा सकते हैं। पीएम ने सरकारी अधिकारियों से सीमावर्ती गांवों में रहने का भी आग्रह किया, क्योंकि ये सीमावर्ती गांव भारत के ‘पहले गांव’ हैं|