कोरोना की दहशत के बीच बिहार में वायरल फीवर के हमले ने समस्याएं बढ़ा दी हैं। स्थिति यह है कि बिहार में हर चौथे घर में परिवार का कोई न कोई सदस्य बीमार है। वायरल के लक्षण कोरोना जैसे ही हैं। बुखार को लेकर जब दैनिक भास्कर ने एक्सपर्ट से बात की तो पता चला कि मास्क ही इस बीमारी से बचाव का सबसे बड़ा हथियार है। कोरोना की तरह वायरल भी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में तेजी से फैलता है। दोनों में संक्रमण मुंह और नाक के रास्ते फेफड़े तक जाकर सिस्टम को प्रभावित करता है। अगर मुंह पर मास्क और हाथों की सफाई का व्यक्ति ध्यान दे तो वायरल से बचा जा सकता है।
पटना AIIMS के कम्युनिटी मेडिसिन के हेड और इमरजेंसी ट्रामा के HOD डॉ. अनिल कुमार बताते हैं- ‘वायरल पहले भी होता था आज भी हो रहा है। बस अंतर यही है कि महामारी के दौरान समान लक्षण वाले बुखार ने दहशत बढ़ा दी है। दो संक्रमण के फैलने का तरीका लगभग सेम है। कोरोना की तरह ही वायरल भी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में उतनी ही तेजी से फैलता है। कोविड की तरह वायरल भी नाक और मुंह से फैलता है। यह हमारी सांस की नली और फेफड़े को प्रभावित करता है।’
डॉ अनिल बताते हैं- ‘वायरल के लक्षण कोरोना की तरह ही है। इसमें सर्दी, बुखार, खांसी, पूरे शरीर में दर्द, गंध नहीं मिलना शामिल है। अगर किसी व्यक्ति या बच्चे को कोविड जैसे लक्षण मिल रहे हैं, तो लोग उसे वायरल फीवर नहीं समझ पा रहे हैं। हर पीड़ित और उसके परिवार वालों को आशंका के बीच दहशत यही रहती है कि कहीं कोविड तो नहीं हो गया। अच्छी बात सह है कि जब इन बच्चों या बड़ों की कोविड टेस्ट कराई जाती है तो रिपोर्ट निगेटिव आती है।’
डॉ अनिल का कहना है- ‘पहले लोग वायरल को नजरअंदाज करते थे। सर्दी-खांसी हुई या फिर बुखार हुआ कोई बात नहीं, कोई दहशत में नहीं आता था, लेकिन कोरोना के बाद इस तरह के लक्षण का होना हम सबके लिए निश्चित रूप से गंभीर बनाता है और पैनिक लाता है। इस दौर में सबसे आवश्यक है लोगों का जागरूक होना। यह जानना होगा कि वायरल सिजनल फीवर पहले की तरह हो रहा है। यह कोविड नहीं है, बस सावधानी रखनी है।’
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