बिहार के शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि पंचायतीराज व नगर निकायों में शिक्षकों को राज्यकर्मियों के बराबर सुविधा व लाभ देने की कोई योजना राज्य सरकार के पास नहीं है। इन्हें ईपीएफ से कवर किया गया है। प्रश्नकर्ता का कहना था कि राज्य में किसी बुरी स्थिति में सरकार शिक्षकों को ही खोजती है। और कोराना काल में भी सारे क्वारंटीन केंद्र इन्हीं शिक्षकों के भरोसे चल रहे थे।दरअसल राज्य सरकार को भी स्वास्थ्य बीमा सुविधा और पेंशन सुविधा देनी चाहिए। जवाब में मंत्री ने कहा कि कहा कि सामाजिक सुरक्षा एवं कल्याण को ध्यान में रख शिक्षकों को एक सितंबर 2020 से राज्य सरकार ने ईपीएफ स्कीम की सुविधा प्रदान की है। सरकार ने इन्हें नियत वेतन से निकालकर 11 अगस्त 2015 को अनुशंसित वेतनमान दिया। साथ ही राज्य सरकार ने कर्मियों के अनुरूप महंगाई भत्ता, चिकित्सा भत्ता, मकान किराया भत्ता और देय वार्षिक वेतन वृद्धि स्वीकृत की गई। इन शिक्षकों के वेतनमान एवं सेवाशर्त पर सर्वोच्च न्यायालय न्यायादेश पारित करते हुए यह स्पष्ट किया है कि राज्य सरकार ने शिक्षकों के अधिकार का हनन नहीं किया है।
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