मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि राज्य में शराबबंदी के बाद पर्यटकों की संख्या बढ़ी है। वर्ष 2016 में जब शराबबंदी लागू की गई तो कुछ लोग कहते थे कि पर्यटकों की संख्या में कमी आ जाएगी, लेकिन बिहार में पर्यटक बढ़ गए हैं।राज्य में शराबबंदी लागू होने के बाद एक करोड़ 60 लाख लोगों ने शराब पीना छोड़ दिया है। जीविका दीदियों से कहा कि राज्य में बाल विवाह, दहेज प्रथा के खिलाफ और शराबबंदी को लेकर अभियान चल रहा है, जिसे थमने नहीं देना है। इसे निरंतर जारी रखना है। सीएम ने कहा कि कुछ दिन पहले जहरीली शराब पीने से कुछ लोग मर गए तो शराबबंदी कानून पर लोगों ने सवाल उठाए, पर मौत तो शराब पीने से हुई थी। उस घटना के बाद हमने समाज सुधार अभियान चलाकर लोगों को जागरूक करने का निर्णय लिया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 2016 में विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी रिपोर्ट के हवाले से शराब के दुष्प्रभावों से लोगों को अवगत कराया।
। पिछले पांच साल में दो करोड़ लीटर शराब जब्त की गई है। करीब 65 हजार वाहनों को शराब ढोने के आरोप में पकड़ा गया है। दूसरे राज्यों के 6 हजार से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने कहा कि, लोग यह प्रचारित कर रहे हैं कि शराबबंदी से जहरीली शराब बन रही है और उससे मौत हो रही है। जहरीली शराब से मौत का शराबबंदी से कोई सरोकार नहीं है। उत्पाद मंत्री ने कहा कि जिस प्रदेश में शराबबंदी नहीं है, वहां भी जहरीली शराब से लोग मरे हैं
समाज सुधार अभियान के दौरान आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा- हम सुधरेंगे जो जगत सुधरेगा। परिवार का मुखिया यदि सुधर गया तो पांच सदस्य सुधर जाते हैं। शिक्षित व स्वस्थ परिवार की चाहत के लिए बुरी लतें छोड़नी होंगी। जीविका दीदियों के काम की सराहने करते हुए उन्होंने कहा कि आप मातृ शक्ति हैं। आपकी मेहनत खानदान व परिवार को आगे बढ़ाता है। मस्तिष्क मजबूत रखें। स्वस्थ रहेंगे।
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