December 23, 2024

Mookhiya

Desh ki Awaz

New Mookhiya election date announced.( Click Here )

इन लोगों को ही यहां काम करने की मिलेगी अनुमति, बिहार सरकार ने इन 27 कारखानों को बताया खतरनाक

वर्गीकरण के साथ ही विभाग ने इन श्रेणी के कारखानों में काम करने वाले कामगारों की सुरक्षा के लिए संचालकों को विशेष उपाय करने को भी कहा है। ऐसा नहीं करने वाले कारखाना संचालकों पर नियमानुसार कठोर कार्रवाई की जाएगी।

विभागीय अधिकारियों के अनुसार दो दर्जन से अधिक कार्यों को खतरनाक श्रेणी में रखा गया है। इसमें कांच विनिर्माण, धातुओं की पिसाई या पॉलिश, शीशे व शीशे के यौगिकों का विनिर्माण, कच्ची खालों या चमड़ों की लाइमिंग को खतरनाक श्रेणी में रखा गया है। इसी तरह प्रिंटिंग प्रेस व टाइप फाउंड्री में की जाने वाली शीशे की प्रक्रियाएं, रासायनिक कार्य, जल का इलेक्ट्रोलायसिस, वस्तुओं की सफाई, चिकना या रूक्ष करने के काम को भी खतरनाक श्रेणी में रखा गया है।

एस्बेस्टस का संधारण व प्रक्रिया करना, कार्बन-डाय सल्फाइड प्लांट, स्लेट-पेंसिल का विनिर्माण, खतरनाक कीटनाशकों का उत्पादन, उच्च शोर स्तर के काम, बैंजीन या बैंजीनयुक्त पदार्थों का निर्माण संधारण या उपयोग में आने वाले कामों को भी खतरनाक श्रेणी में माना गया है। विभाग ने साफ कर दिया है कि खतरनाक श्रेणी के कारखानों में काम करने से पहले कामगारों के स्वास्थ्य की जांच की जाएगी।

चिकित्सकीय जांच के दौरान आए परिणामों का पूरा रिकॉर्ड कारखाना संचालकों को रखनी होगी। अगर स्वास्थ्य कारणों से किसी कामगार को कारखाना से हटाया जाएगा तो उसका रिकॉर्ड भी एक साल तक कारखाना संचालकों को रखना होगा ताकि जांच के दौरान यह पता चल सके कि किसी बीमारी के कारण ही कामगार को कारखाना से हटाया गया है, जान-बूझकर नहीं।