जनगणना (Caste Census) के मुद्दे पर बिहार में एनडीए (Bihar NDA) के नेता एकमत नहीं हैं। एक ओर दिल्ली में बिहार के सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने कहा कि हर हाल में जातीय जनगणना होनी चाहिए तो दूसरी ओर बिहार में पूर्व डिप्टी सीएम व रास सांसद सुशील कुमार मोदी ने इसे नकार दिया है। उन्होंने कहा है कि केंद्र सरकार के लिए ऐसा कराना असंभव है। सांसद सुशील कुमार मोदी ने रविवार को पटना सिटी में आयोजित एक कार्यक्रम में बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि केंद्र सरकार के लिए जातिगत जनगणना कराना असंभव है।
सुशील मोदी बोले, तकनीकी तौर पर बड़ी समस्या
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत बिहार के आठ करोड़ 71 लाख लोगों को सात महीने मुफ्त पांच किलो अनाज दिया जा रहा है। राज्य के सभी जिला और प्रखंड स्तर पर अनाज वितरण हो रहा है। मौके पर पूर्व मंत्री नंदकिशोर यादव समेत अन्य लोग मौजूद थे। इस दौरान लोगों के बीच पांच किलो के थैले का वितरण भी किया गया।
शनिवार को ही बिहार सरकार के दो मंत्री नीरज कुमार बबलू और जनक राम ने भी इस पर बयान दिया है। नीरज कुमार बबलू ने तो कहा है कि जातीय जनगणना जरूरी ही नहीं है। हां, देश में जनसंख्या नियंत्रण कानून जरूरी है। ऐसे में बिहार में आने वाले समय में जाति की राजनीति और गरमाने वाली है।
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