बिहार में धीरे-धीरे फुल वायरल फैल रहा है। कोरोना की तरह यह भी क्षेत्र में फैलता जा रहा है। वायरल से बच्चों में खतरा बढ़ता जा रहा है। जहां बच्चे 3 दिन में इस बुखार से ठीक हो जाते थे। वही 15 दिन में बच्चों ठीक हो रहे है और जिन बच्चों की इम्युनिटी कमजोर है उन्हें हॉस्पिटल में ले जाया जा रहा है।
पटना के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. सुमन का कहना है कि वायरस का म्यूटेशन तो हर साल होता है। लेकिन इस बार वायरस का असर काफी अधिक दिख रहा है। बच्चों में सर्दी, बुखार, उल्दी, दस्त और पेट दर्द के साथ अन्य कई समस्या हो रही हैं। अमूमन 3 दिनों में वायरल का बुखार ठीक हो जाता था लेकिन इस बार कम से कम 5 दिन लग रहे हैं। सामान्य दवाओं से लाभ नहीं मिल रहा है।
शिशु रोग विशेषज्ञों की मानें तो इस बार बुखार के साथ बहुत सारे लक्षण बच्चों में दिख रहे हैं। इस कारण जांच बढ़ानी पड़ रही है। इसमें कोरोना से लेकर डेंगू टाइफाइड और मलेरिया तक के लक्षण दिख रहे हैं। डॉक्टरों को कहना है कि ऐसे मौसम में बच्चों को सुरक्षित रखना जरूरी है। खानपान से लेकर उनकी देखभाल बहुत जरूरी है।
धूल मिट्टी और बाहरी वातावरण से जितना बचाकर रखा जाए उतना ही बच्चा सुरक्षित रहेगा। पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के इमरजेंसी इंचार्ज डॉक्टर अभिजीत कुमार का कहना है कि बीमारी का दौर है, मरीजों की संख्या बढ़ रही है। ऐसे में बचाव का पूरा ध्यान रखा जाए। मास्क के साथ साफ सफाई से ही फ्लू और अन्य वायरस से बचा जा सकता है।
PMCH में वायरल के मामले अधिक आ रहे हैं। डॉ. राणा एसपी सिंह का कहना है कि ओपीडी में 60 प्रतिशत संख्या फ्लू के मरीजों की है। PMCH में आने वाले बच्चों में निमोनिया के साथ सांस में तकलीफ वाले भी हैं। वायरल बुखार का ट्रेंड बदलने से मरीजों पर कई बार दवा भी बदलनी पड़ रही है। बुखार जल्दी नहीं छोड़ रहा है। यही कारण है कि 3 दिन में ठीक होने वाला वायरल अब 15 दिन से अधिक समय ले रहा है।
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