बिहार में पंचायत जनप्रतिनिधियों अपनी संपत्ति सार्वजनिक करना पड़ेगा। अपनी संपत्ति का ब्योरा नहीं देने वाले मुखिया और पंचायत जनप्रतिनिधियों पर कारवाई की जाएगी। इसके लिए 31 मार्च तक की समय सीमा तय की गई है। ऐसा नहीं करने वाले मुखिया के खिलाफ 15 अप्रैल तक कार्रवाई की जाएगी। पटना में अभी तक किसी मुखिया या जनप्रतिनिधि ने ऐसा नहीं किया है। इसके बाद प्रशासन की ओर से अब सख्ती बरती जा रही है। इसके लिए बकायदा सभी जिलों के डीएम के स्तर से पत्र भी जारी कर दिया गया है। संपति के ब्योरे में उनके द्वारा अर्जित चल और अचल संपति का विवरण होना चाहिए। संपत्ति का ब्योरा नहीं देने वाले प्रतिनिधियों पर बिहार पंचायती राज अधिनियम 2006 की धारा 170 के तहत कार्रवाई की अनुशंसा डीएम के द्वारा विभाग को भेजी जाएगी।
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