बिहार विधान परिषद में गृह मंत्री बिजेंद्र यादव ने कहा कि अपराध के बाद अगर कार्रवाई हुई तो जेल में कैदियों की संख्या बढ़ेगी। और अभी तो दो साल से कोर्ट भी कोई काम पूरी तरह से नहीं कर रही थी। जिससे बेल पर छूटने वालों की संख्या कम हुई तो जेल पर दबाव बढ़ा और सरकार जेलों की क्षमता बढ़ाने पर काम कर रही है। उन्होंने कहा राज्य की जेलों में 31 दिसंबर तक 51 हजार 934 कैदी थे, लेकिन इन जेलों की क्षमता 45 हजार 862 ही है। तथा मंत्री जी ने कहा कि जेलों की क्षमता बढ़ाने के लिए भभुआ में 426, जमुई में 1030 और औरंगाबाद में नए जेल बनाये गये हैं। और अरवल में 558 और पालीगंज में 535 कैदियों की क्षमता वाले जेल बनाने का काम चल रहा है।इसके अलावा निर्मली में 500 कैदियों की जेल के लिए जमीन मिल गई है। साथ ही राजगीर, रजौली, मढौरा, महाराजगंज, हथुआ, चकिया, पकड़ी दयाल, महनार और सिमरी बख्तियारपुर में भी जेल बनाने का निर्णय लिया है। दरभंगा में 772, छपरा में 132, सहरसा में 158 पुरुष और 50 महिला व बेनीपुर में 158 कैदियों वाला नया बंदी कक्ष बनाने का निर्णय लिया है।
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