सरकारी स्कूलों में दोपहर के खाने की आग अब ठंडी पड़ गई है। कोरोना काल में बंद हुआ स्कूलों का चूल्हा अब बैंक में खाता नहीं होने से ठप पड़ा है। पटना के 3152 स्कूलों में अब तक महज 562 स्कूलों ने बैंक में MDM का खाता खुलवाया है, बाकी के 2590 स्कूलों ने इसमें बड़ी लापरवाही की है। ऐसे में स्कूलों में बच्चों को दोपहर का भोजन मुश्किल होगा। इस पर DEO ने सख्ती दिखाते हुए 22 सितंबर तक 100 प्रतिशत खाता खोलने का निर्देश दिया है।
सरकारी स्कूलों में मध्याह्न भोजन योजना को लेकर स्कूलों की लापरवाही भारी पड़ रही है। विभागीय अधिकारियों की मानें तो अब तक सिर्फ 17 फीसदी स्कूलों में ही खाता खोला गया है। पटना के 3152 स्कूलों में अब तक 562 स्कूलों का ही खाता खोला जा सका है। हर स्कूल का खाता जल्द से जल्द खुले, इसके लिए अब एक दिन में पांच ब्लॉक के स्कूलों को बड़ा टाॅरगेट दिया गया है।
शिक्षा विभाग के मुताबिक मध्यान्ह भोजन योजना का नया खाता हर प्राथमिक और मध्य विद्यालय का खोला जाना है। पुराने खातों को बंद करा दिया गया है। अगस्त में ही खाता को बंद करने के बाद नए खाता को लेकर आदेश जारी किया गया था। लेकिन स्कूलों की तरफ से काफी सुस्ती हो रही है। इससे खाता नहीं खुल पा रहा है। पहले पटना जिला शिक्षा कार्यालय ने 30 सितंबर तक का अल्टीमेटम था लेकिन अब पटना के DEO ने तिथि में संशोधन कर 22 सितंबर तक ही सारे स्कूलों का खाता खोलने का निर्देश दे दिया है। डीपीओ मनोज कुमार का कहना है कि 22 सितंबर तक हर स्कूल का खाता खोल दिया जाएगा।
शनिवार और रविवार को भी खाता खोलने का काम किया जाएगा। अब हर दिन पांच ब्लॉक के स्कूलों का खाता खुलेगा। मध्याह्न भोजना योजना कार्यक्रम के निदेशक सतीश कुमार झा ने सभी डीपीओ को जल्द खाता खोलने का निर्देश दिया। इसे लेकर अफसरों की एक बैठक हुई है जिसमें 22 सितंबर तक सभी स्कूलों का खाता खुल जाने का निर्देश सभी डीपीओ को दिया है।
स्कूलो का कहना है कि सचिव के हस्ताक्षर के बिना खाता खुलने में हो रही परेशानी। कई स्कूल में विद्यालय शिक्षा समिति भंग हो गई है। इससे स्कूल में विद्यालय शिक्षा समिति के सचिव का पद खाली है। जबकि खाता खुलने में प्राचार्य और विद्यालय शिक्षा समिति के सचिव का हस्ताक्षर होना अनिवार्य है। ऐेसे स्कूल के खाता खोलने में दिक्कतें आ रही है। डीईओ अमित कुमार ने बताया कि कई स्कूलों का खाता इस कारण नहीं खुल पा रहा है कि क्योंकि वहां पर सचिव का पद खाली है। इस समस्या से भी अफसरों को अवगत करा दिया गया है।
स्कूलों में मिड डे मील से ही बच्चों की संख्या बढ़ती है। कोरोना काल के बाद खुले स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति बढ़ाने को लेकर मिड डे मील की तैयारी की जा रही है। स्कूलों में अभी 40 से 45 प्रतिशत स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति हो रही है। प्रशासन मध्यान्ह भोजन योजना को लेकर इस लिए प्ररेशान है क्योंकि जल्द से जल्द इसका शुभारंभ कर बच्चों की उपस्थिति बढ़ाई जा सके।
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