पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने सोमवार को कहा कि संसद के पिछले सत्र के आखिरी दिन सारी हदें पार करते हुए हंगामा करने वाले 12 सांसदों का निलम्बन बिहार सहित देशभर की विधानसभाओं के सदस्यों के लिए भी एक कड़ा, लेकिन आवश्यक संदेश है कि सदन में मर्यादा का पालन होना ही चाहिए। कहा कि विपक्ष को आलोचना करने और सवाल पूछने का पूरा अधिकार है, लेकिन किसी को भी आसन का अपमान करने, माइक तोड़ने, रिपोर्टर टेबुल पर चढ़ने और मार्शलों से मारपीट करने जैसे आचरण की छूट नहीं दी जा सकती।
भाजपा सांसद श्री मोदी ने ट्वीट कर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार कि उनकी घोषणा के अनुरूप संसद सत्र के पहले दिन दोनों सदनों में तीनों कृषि कानून वापस लेने का विधेयक पेश हुआ और पारित भी हो गया। कांग्रेस बताये कि सदन में संवाद बढ़ाने की इस अच्छी पहल को भी शोर में क्यों डुबोया गया? जिन कानूनों की वापसी की मांग पर विपक्ष एकजुट था, आम सहमति थी और सरकार ने किसानों की भावना का सम्मान करते हुए इसके लिए बिल पेश भी किया, फिर उस पर चर्चा की मांग कर हंगामा करना दुर्भाग्यपूर्ण था।
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