भागलपुर में तीन मार्च की रात काजवलीचक में एक नहीं दो धमाके हुए थे। पहला धमाका लीलावती और दूसरा महेंद्र मंडल के घर में हुआ था। एसएसपी बाबू राम ने दो धमाके की पुष्टि करते हुए बताया है कि घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी फुटेज में भी दो ब्लास्ट होना स्पष्ट है। उन्होंने बताया है कि दोनों धमाकों के बीच आधा सेकेंड से भी कम का समय अंतराल प्रतीत हो रहा। धमाके में मारे गये महेंद्र मंडल के जख्मी बेटे नवीन ने पुलिस को बताया है कि लीलावती के घर रखे पटाखे और उसके निर्माण के लिए रखे बारूद में विस्फोट हुआ और उसी कारण उसके घर में रखे पटाखे और बारूद में भी विस्फोट हो गया। एसएसपी ने यह भी बताया है कि पुलिस को अभी तक जांच में , आस-पास के लोगों के बयान, एफएसएल और बम निरोधक दस्ते की प्रारंभिक जांच के साथ ही गुप्त सूत्रों से प्राप्त जानकारी से यह बात स्पष्ट हुई है कि काजवलीचक में तीन मार्च की रात भारी मात्रा में रखे पटाखे और बारूद एक जगह पर इकट्ठा होने और उसमें किसी कारण विस्फोट से घटना हुई थी। एक्सपर्ट ने पुलिस को बताया है कि सुतली बम बनाने के दौरान सुतली को ज्यादा टाइट बांधने या हाथ से गिर जाने या बारूद में किसी घटक के ज्यादा मात्रा में मिलाने से भी विस्फोट हो सकता है। इधर तीन दिनों की रिमांड पूरी होने के बाद धमाके के आरोपी मोहम्मद आजाद को पुलिस ने शुक्रवार को वापस जेल भेज दिया। बारूद मिलने के मामले में आशीष पर भी केस दर्ज कर लिया गया है।
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