उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन का कहना है कि बीते एक दशक में राज्य ने कृषि अर्थव्यवस्था से औद्योगिक अर्थव्यवस्था की दिशा में छलांग लगाई है। इस कारण निवेश की व्यापक संभावना वाले ठिकानों के रूप में बिहार की चर्चा राष्ट्रीय स्तर पर होने लगी है।
हुसैन ने बताया कि उद्योग और निर्यात के इकोसिस्टम में कनेक्टिविटी की बाधा को दूर करने पर हमारा सबसे अधिक ध्यान है। हम बिहार की रणनीतिक स्थिति और सामरिक महत्व को आर्थिक क्षमता में बदलेंगे।
बिहार समेत नेपाल, भूटान, बांग्लादेश, म्यांमार आदि देशों तथा पूर्वोत्तर के सात राज्यों और सिक्किम की 55 करोड़ आबादी की जरूरतों को हमारा औद्योगिक विकास पूरा करेगा।
कोरोना काल के दौरान बिहार निवेश में देश का सबसे पसंदीदा ठिकाना बन गया है। इस दौरान हमें देश में सबसे अधिक 35 हजार करोड़ के निवेश प्रस्ताव मिले हैं। इनमें से 30 हजार करोड़ केवल इथेनॉल उत्पादन के लिए हैं।
इथेनॉल उत्पादन के सबसे अधिक 51 प्रस्ताव बिहार को मिले। सबसे अधिक 186 करोड़ लीटर इथेनॉल उत्पादन के लिए कंपनियां तैयार हैं। । जल्दी हम कृषि आधारित उद्योगों और टेक्सटाइल को बिहार की पहचान के रूप में विकसित करेंगे।
हम चावल, मखाना और रेशम के अलावा भी कई सारे उत्पादों के निर्यात की योजना पर काम कर रहे हैं। बिहार के उत्पादों की ब्रांडिंग के लिए भी एक्शन प्लान तैयार किया गया है। एक सवाल के जवाब में उद्योग मंत्री ने कहा कि पूरी फिजां बदलने वाली है। कोलकाता-अमृतसर ईस्टर्न फ्रेट कॉरिडोर बिहार से गुजरने वाला है। इस कारण हम कहीं से कच्चा माल आसानी से मंगा सकेंगे और देश के किसी भी बंदरगाह तक तैयार माल सहजता से पहुंचा सकेंगे।
उत्पादों की बड़ी श्रृंखला को कम लागत में दूसरे स्थानों की तुलना में आसानी से नेपाल, भूटान, बांग्लादेश और म्यांमार तथा पूर्वोत्तर राज्यों तक पहुंचा सकेंगे।
सरकारी नीतियों और कनेक्टिविटी के विकास के बाद आपके कौन से कदम बिहार के उद्योगों के लिए टर्निंग प्वाइंट होंगे, के जवाब में उद्योग मंत्री ने कहा कि गैस इकोनॉमी के दरवाजे पर अब हमारी दस्तक होगी। पिछले 10 महीनों में हम 501 एकड़ जमीन आवंटित भी कर चुके हैं। हम चाहते हैं कि कम पानी और कच्चा माल वाले राज्यों का कोटा भी बिहार को मिले।
पेप्सी के संयंत्र का निर्माण भी अंतिम चरण में है। डूराटेक कंपनी एफएमसीजी और सीमेंट उत्पादन में निवेश करने जा रही है। कुल मिलाकर बिग लीप फॉरवर्ड (बड़ी छलांग) की तैयारी है।
बिहार में देश और दुनिया के निवेशकों का सम्मेलन बुलाएंगे
हम देश और दुनिया के निवेशकों का सम्मेलन बुलाएंगे। इसमें बिहार की संभावनाओं से अवगत कराएंगे। उद्योगपति देख सकेंगे कि बिहार कितना बदला है और यहां पूंजी निवेश कितना फायदेमंद है।
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