December 23, 2024

Mookhiya

Desh ki Awaz

New Mookhiya election date announced.( Click Here )

विधानसभा उपचुनाव पर JDU-RJD के बीच सियासत शुरू

आने वाले कुछ ही दिनों में बिहार में दो विधानसभा के लिए उपचुनाव की अधिसूचना जारी होने वाली है। ये दोनों विधानसभा की सीटें पक्ष और विपक्ष के लिए नाक की लड़ाई बनने वाली है। खास तौर पर JDU के लिए यह दोनों सीट खास है। वजह यह है कि इन दोनों सीटों पर JDU का कब्जा था। JDU के विधायकों के निधन के बाद ये खाली हुई थी। तारापुर के विधायक मेवालाल चौधरी के निधन और कुशेश्वरस्थान के विधायक शशि भूषण हजारी के निधन के बाद दोनों सीटें खाली हुई थीं। अब यह दोनों सीट JDU के लिए नाक की लड़ाई बनी हुई है। JDU इन पर दोबारा वापस अपने कब्जे के लिए जी तोड़ मेहनत कर रहा है।

इन दोनों सीटों पर भले JDU का कब्जा रहा हो लेकिन, RJD की निगाहें इन दोनों सीटों पर लगातार बनी हुई है। इसको लेकर RJD में कई राउंड की बैठक हो चुकी है। तेजस्वी यादव ने अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं को साफ संदेश दे दिया है। यदि, इन दोनों सीटों को RJD जीत लेती है तो हम बिहार में सरकार भी बना सकते हैं। तेजस्वी यादव ने खगड़िया के कुछ प्रमुख नेताओं को दल में शामिल भी कराया है।

बैठक में तेजस्वी यादव ने साफ कहा, ‘पिछले चुनाव मे RJD गठबंधन को NDA गठबंधन से मात्र 12 हजार वोट कम मिले थे, मगर हम सब सत्ता से दूर रहे। तारापुर और कुशेश्वरस्थान मे उप चुनाव होने वाला है। चुनाव को देख कर अभी से ही प्रचार मे जुट जाना है। सप्ताह मे प्रत्येक चुनाव क्षेत्र में दो पत्रकार सम्मलेन अवश्य रूप से करें। पार्टी के वरिष्ट नेता इन क्षेत्रों का भ्रमण कर जनसम्पर्क पढ़ाएं। पिछले चुनाव मे हमारे प्रत्याशी बहुत कम वोटों से हारे थे। आप मेहनत करेंगे तो जीत निश्चित है’।

तेजस्वी यादव के इस दावे को पूरी तरह से JDU के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार खारिज करते हुए कहते हैं कि तेजस्वी यादव पॉलिटिकल टूरिस्ट हैं -‘सिर्फ अपनी उपस्थिति बनाकर भाग जाते हैं। ना तो उन्हें कभी तारापुर से मतलब रहा है और ना ही कुशेश्वरस्थान से मतलब रहा है। उनके माता-पिता के राज में तारापुर के संग्रामपुर में लोग दिन में भी जाने से डरते थे, सुशासन की सरकार में अब सब कुछ सामान्य हो चुका है। कुशेश्वरस्थान में उनके पिता वहां के लोगों को आपदा में मछली खाने के लिए कहते थे। तेजस्वी यादव किस हैसियत से इन दोनों सीटों पर दावा कर रहे हैं, जबकि वह महागठबंधन में है और दूसरे दल भी उनके साथ है। यह अपने महागठबंधन में लूट-खसोट की राजनीति भी शुरू कर चुके हैं’।

JDU के लिए भी यह दोनों सीटें इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि JDU ने बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में मात्र 43 सीट ही जीता था। अपना कुनबा बढ़ाने के लिए JDU ने BSP के एकमात्र विधायक जमा खान को तोड़कर मंत्री बना दिया। फिर, LJP के एकमात्र विधायक राजकुमार को भी JDU में शामिल करा लिया। कुल मिलाकर इनकी संख्या 45 हो गई। लेकिन, तारापुर के विधायक मेवालाल चौधरी और कुशेश्वरस्थान के विधायक शशि भूषण हजारी के निधन के बाद फिर से JDU की संख्या 43 ही रह गई है। अब ऐसे में JDU किसी भी हाल में अपनी संख्या फिर से बढ़ाने की कोशिश करेगी।