
रामविलास पासवान की पहली बरसी पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव रविवार की शाम को आयोजन स्थल पर पहुंचे। चिराग पासवान को गले लगाकर उन्होंने संबल दिया। साथ ही, धैर्य रखने को कहा। वहीं, रामविलास की बरसी पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नहीं आने पर तंज भी कसा। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री को कम से कम शिष्टाचार तो दिखाना चाहिए था। दिवंगत नेता रामविलास पासवान के साथ उन्होंने राजनीति भी की है। इसके बावजूद वह नहीं आए।
तेजस्वी यादव ने यह भी कहा कि बरसी में नहीं आने का मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का व्यक्तिगत फैसला है। कोई जबरदस्ती नहीं कर सकता। वह हमसे और चिराग पासवान जी से भी बड़े हैं। बुजुर्ग हैं। 15 साल तक बिहार में मुख्यमंत्री रहे हैं। हमारे चाचा की तरह हैं। उन्होंने कहा कि एक शिष्टाचार दिखना चाहिए था। प्रधानमंत्री ने भी कई पन्नों में रामविलास जी के बारे में लिखा, लेकिन मुख्यमंत्री ने एक लाइन में अपनी श्रद्धांजलि दी ।
दिवंगत नेता रामविलास पासवान का जिक्र करते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि वह बिहार के ही नहीं देश के बड़े नेता थे। बहुत मिलनसार स्वभाव के थे। शायद ही ऐसे महापुरुष हम लोगों को युगों युगों में मिलते हैं। उन्होंने कहा कि हमें खुशी है कि हमें उनके साथ काम करने का सौभाग्य मिला। विश्वास ही नहीं हो रहा कि रामविलास पासवान हम लोगों के बीच आज नहीं हैं।
पटना में श्रीकृष्णा पुरी इलाके में चिराग पासवान के घर पर बरसी की पूजा रविवार को संपन्न हुई। चिराग पासवान श्रद्धांजलि सभा के बाद मीडिया से भी मुखातिब हुए थे। मुख्यमंत्री के आने को लेकर जब उनसे सवाल पूछा गया तो उन्होंने बताया कि सीएम को निमंत्रण भिजवाया था। मैंने अपनी तरफ से बहुत कोशिश की थी कि वो आएं। कल मेरे साथी गए थे उनसे मिलने, पर वो मिले नहीं। हमारा निमंत्रण भी स्वीकार नहीं किया। कुछ ऐसे लम्हें होते हैं, जो राजनीति से उपर होते हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हमारे नेता व पिता के समकक्ष रहे हैं। ऐसे मौके पर वो दो मिनट के लिए आते तो बहुत अच्छा होता।
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