बिहार में पंचायत चुनाव में मतदान के दिन मंत्रियों, सांसदों, विधायकों व पार्षदों के दौरे पर रोक रहेगी। उन्हें उन क्षेत्रों में नहीं जाने दिया जाएगा जहां वोटिंग हो रही है। यह रोक मतदान की पूर्व संध्या 5 बजे से वोटिंग समाप्त होने तक लागू रहेगी। हां, अगर कोई मंत्री, विधायक, पार्षद या सांसद का नाम संबंधित पंचायत निर्वाचन की मतदाता सूची में है और अगर वे अपना वोट डालना चाहते हैं तो उन्हें सिर्फ वोटिंग के जाने की अनुमति दी जाएगी। लेकिन अपना वोट डालने के तुरंत बाद उन्हें क्षेत्र से बाहर जाना होगा।
मतदान केन्द्र पर जाने तथा मतदान केन्द्र से वापस आने के लिए वे सरकारी वाहन का उपयोग नहीं करेंगे। राज्य निर्वाचन आयोग ने इस बाबात सभी जिला निर्वाचन पदाधिकारी (पंचायत) को दिशा-निर्देश जारी कर दिया है। दरअसल आयोग ने यह निर्देश पिछले चुनावों में आई शिकायतों के आधार पर जारी की है।
आयोग ने कहा है कि पिछले चुनावों के दौरान आयोग को ऐसी शिकायतें मिली थीं कि राज्य सरकार के कई मंत्रियों, विधायकों द्वारा मतदान के दिन मतदान केन्द्रों पर जाकर वोटरों तथा मतदानकर्मियों को खास उम्मीदवार के पक्ष में वोट डालने के लिए दबाव बनाया गया था।
कुछ मंत्रियों द्वारा सरकारी वाहनों और उनके साथ प्रतिनियुक्त सुरक्षा बलों का दुरुपयोग करते हुए वोटरों व मतदानकर्मियों को प्रभावित करने की भी शिकायतें प्राप्त हुई थीं। आयोग ने जिला निर्वाचन पदाधिकारियों को जारी निर्देश में कहा है कि वोटिंग के लिए गए मंत्री की सुरक्षा में सरकार की ओर से प्रतिनियुक्त सशस्त्र बल एवं सरकारी वाहन का वे इस्तेमाल कर सकेंगे।
लेकिन बॉडी गार्ड मतदान केन्द्र परिसर में नहीं जाएंगे। आयोग ने कहा है कि यह पाबंदी मतदान की तिथि के अलावा काउंटिंग के समय भी लागू रहेगी। इसका उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध आईपीसी की धारा 188 के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
महिलाओं को 50% आरक्षण, 7235 पुरुष व 8093 महिलाओं ने किया नामांकन
पंचायतों में पहले चरण के नामांकन में पुरुषों के मुकाबले महिलाओं की तादाद अधिक
पंचायत चुनाव में एक दिलचस्प ट्रेंड उभर कर सामने आ रहा है। इस चुनाव में पुरुष प्रत्याशियों के मुकाबले नामांकन में महिलाओं की तादाद अधिक है। राज्य में पहले चरण के नामांकन से यह नया ट्रेंड उभर कर सामने आया है। बिहार में 11 चरणों में पंचायत का चुनाव होना है। पहले चरण की नामांकन प्रक्रिया समाप्त हो चुकी है और दूसरे चरण का नामांकन जारी है।
पहले चरण के लिए 10 जिलों के 12 प्रखंडों में चुनाव होना है। इसमें कुल छह पदों ग्राम पंचायत सदस्य, मुखिया, पंचायत समिति सदस्य, जिला परिषद सदस्य,, ग्राम कचहरी पंच और सरपंच के पदों के लिए चुनाव के लिए नामांकन किए जा रहे हैं। राज्य निर्वाचन आयोग के अनुसार पहले चरण में इन छह पदों के लिए कुल 15328 नामांकन पत्र दाखिल किए गए हैं।
इसमें सर्वाधिक 8611 नामांकन ग्राम पंचायत सदस्य के पद के लिए किए गए हैं। दिलचस्प यह है कि पहले चरण में किए गए कुल नामांकन 15328 में से पुरुष प्रत्याशियों की संख्या 7235 है जबकि कुल 8093 महिला प्रत्याशियों ने नामांकन किया है। यानी पहले चरण में पुरुषों के मुकाबले 858 अधिक महिलाओं नामांकन किया है।
वैसे भी पंचायतों में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत सीट आरक्षित हैं। पहले चरण के लिए नामांकन पत्रों की स्क्रूटिनी की अंतिम तिथि 11 सितंबर निर्धारित है। नाम वापसी की अंतिम तिथि 13 सितंबर हैं और इसी दिन मैदान में रह गए उम्मीदवारों को चुनाव चिह्न भी आवंटित कर दिए जाएंगे। इसके बाद प्रत्याशियों की असली तस्वीर समाने आएगी।
एनओयू से बीएड के शिक्षक परीक्षार्थी को चुनाव कार्य में नहीं लगाने का निर्देश
नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी से बीएड परीक्षा के शिक्षक परीक्षार्थी को चुनाव कार्य से मुक्त रखने का निर्देश शिक्षा विभाग ने जारी किया है। विभाग के अपर विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने इस संबंध में सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी को जारी निर्देश में कहा है कि 11 सितंबर से नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी से बीएड परीक्षा प्रारंभ है। इस परीक्षा में शिक्षक परीक्षार्थी भी शामिल होंगे।
पंचायती राज विभाग ने पंचायत चुनाव से संबंधित अधिसूचना जारी कर दिया है। शिक्षा विभाग ने अपने निर्देश में चुनाव प्रक्रिया में में वैसे शिक्षकों को शामिल करने का निर्देश दिया है, जिनकी बीएड की परीक्षा नहीं हो। बीएड परीक्षा के एडमिट कार्ड को देखकर उन्हें चुनाव से मुक्त रखें।
नेटवर्क कनेक्टिंग के लिए केवीआईसी फार्म देने का निर्देश
निदेशक प्राथमिक शिक्षा ने जिन स्कूलों में पंचायत चुनाव का केंद्र बनाए जाएंगे, उन स्कूलों के प्रधान शिक्षकों को नेटवर्क कनेक्टिंग के लिए केवीआईसी फार्म संबंधित नेटवर्क संस्थान को देने का आदेश दिया है। दरअसल पंचायत चुनाव में मतदान केंद्रों पर बायोमैट्रिक्स और आधार सत्यापन करने के लिए नेटवर्क कनेटिविटी लगाए जाएंगे।
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