देश की जनता हमारी ओर इस आशा विश्वास के साथ देख रही है। यह बातें आरएसएस विचारक राज्य सभा सांसद डा. राकेश सिन्हा ने सोमवार को कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कही। डा. सिन्हा ने कहा कि संघ के लोग राजनीति में आते हैं, तो उनका काम सिर्फ सत्ता तक पहुंचना नहीं होता है और न ही व्यवहारिकता के नाम पर फिसलना। संघ का विचार से, मूल्य से पहचान है।
राकेश सिन्हा ने कहा कि जब उन्होंने डा. हेडगेवार पर पुस्तक लिखी तो उस समय से उनके मन में भाव आया यदि मैं अपने दायित्व से फिसल गया तो सिर्फ वे नहीं, बल्कि आरएसएस फिसल जाएगा।
1963 के उपचुनाव में जातीय समीकरण और विरासत पक्ष में होने के बावजूद दीनदयाल जी चुनाव हार गए थे, क्योंकि उनके लिए जातिवाद की जीत जनसंघ की हार थी, विचारधारा की हार थी।
डा. राकेश सिन्हा एक निजी कार्यक्रम में शामिल होने के लिए भागलपुर आए हुए थे।
भाजपा के भागलपुर जिला अध्यक्ष रोहित पांडेय, पूर्व जिलाध्यक्ष नभय चौधरी, वरिष्ठ समाजसेवी लक्ष्मीनारायण डोकानिया, महामंत्री देवव्रत घोष, जिला उपाध्यक्ष रोशन सिंह, जिला मंत्री प्रणव दास, मनीष दास, जिला मीडिया प्रभारी इंदुभूषण झा, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य संजीव सिंह, रूबी दास, बंटी यादव, महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष श्वेता सिंह, उपाध्यक्ष बबीता मिश्रा, विनोद सिन्हा, आशीष सिन्हा, पंकज सिंह, नमन मिश्रा, नीरज शुक्ला, संजीव मिश्रा, टिंकू ओझा, संदीप शर्मा सहित दर्जनों कार्यकर्ता उपस्थित थे।
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