बिहार विधानसभा के शताब्दी समारोह में नेता विपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव शामिल नहीं होंगे।भाजपा ने इसे लेकर तेजस्वी पर हमला किया है। उधर, माले के विधायक राष्ट्रपति के संबोधन में तो रहेंगे लेकिन रात्रिभोज में शामिल नहीं होंगे।नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव बुधवार को कुशेश्वरस्थान उप चुनाव में प्रचार के लिए निकल गये। शुक्रवार तक उनका कार्यक्रम कुशेश्वर स्थान में ही रहने का है। लिहाजा वह शताब्दी समारोह कार्यक्रम में भाग नहीं ले सकेंगे।
प्रवक्ता चितरंजन गगन ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष का दो दिनों का कार्यक्रम कुशेश्वर स्थान में लगा हुआ है। यह कार्यक्रम पहले से लगा है। बुधवार को ही प्रचार के लिए पटना से रवाना हो गये। ऐसे में उनके शामिल होने की उम्मीद नहीं हैं। पार्टी के विधायक भी क्षेत्र में लगे हैं। हालांकि शताब्दी समारोह के दौरान ही विधानसभा की किसी कमेटी की बैठक भी रखी गई है। संभव है कमेटी के सदस्य पटना आएं।
कार्यक्रम में पार्टी के नेताओं को बुलाया गया है, लेकिन विधायक के अलावा कोई नेता नहीं जाएंगे। विधायक भी रात के भोज में शामिल नहीं होंगे। उनकी पार्टी इस कोविड काल में इसे फिजूलखर्ची मानती है।
तेजस्वी ने राष्ट्रपति के कार्यक्रम में न आकर किया अपमान : मोदी
पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि बिहार विधानसभा के शताब्दी समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का आना राज्य के लिए गौरव की बात है। वे बिहार के राज्यपाल रह चुके हैं। उनकी गरिमामय उपस्थिति वाले इस समारोह में अनुपस्थित रहने का फैसला कर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने दलित समाज से आने वाले एक अतिशालीन व्यक्ति का अपमान किया है। तेजस्वी यादव नीतीश सरकार के शपथ-ग्रहण समारोह में भी शामिल नहीं हुए थे। मोदी ने आगे ट्वीट किया है कि विधानसभा की कार्यवाही में बाधा डालना, सदन के भीतर मारपीट करना, आसन की अवहेलना करना और सरकार के जवाब का बहिष्कार करना राजद के संसदीय आचरण का स्वभाव बन चुका है।
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