प्रदेश में जल्द पिछड़ा एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण निदेशालय का गठन होगा। राज्य सरकार ने इसकी मंजूरी दे दी है।
पिछड़ा एवं अति पिछड़ा वर्ग के कल्याण पर विशेष ध्यान देने के लिए कल्याण विभाग से अलग कर राज्य सरकार की ओर से विशेष विभाग का गठन किया गया था। निदेशालय के गठन से योजनाओं को और सुचारू रूप से चलाने में आसानी होगी। विभागीय योजनाओं के संचालन में आ रही कठिनाइयों को दूर करने के लिए इसके तहत निदेशालय का गठन किया गया है।
योजनाओं से अपेक्षित लाभ के लिए निदेशालय स्तर से योजनाओं की अच्छी तरह निगरानी हो सकेगी। समय-समय पर होने वाली मॉनिटरिंग के जरिए भी योजनाओं को सही किया जा सकेगा। फिलहाल क्षेत्रीय कार्यालयों में लिपिक के पद पर स्थानीय समाहरणालय के लिपिक ही कार्य करेंगे। हालांकि वे संबंधित जिला पदाधिकारी के नियंत्रण में ही होंगे।
इन वर्गों का होगा उत्थान
यह फैसला इन दोनों वर्गों के उत्थान और विकास में मील का पत्थर साबित होगा। इस क्रांतिकारी निर्णय के लिए उन्होने आभार व्यक्त किया है। निदेशालय के संचालन के लिए अधिकारियों और कर्मचारियों के 446 पदों को भी मंजूरी दी गई है। ये 26 पद निदेशालय स्तर के और 420 पद क्षेत्रीय कार्यालयों के लिए हैं। इनमें जिला स्तर पर योगदान देने वाले कर्मचारी भी शामिल हैं।
निदेशालय में होंगे ये पद
निदेशक 01
संयुक्त निदेशक 01
उप निदेशक 02
सहायक निदेशक 04
लेखा पदाधिकारी 01
प्रशाखा पदाधिकारी 02
सहायक 04
उच्च वर्गीय लिपिक 02
निम्नवर्गीय लिपिक 04
आशुलिपिक 01
क्षेत्रीय कार्यालय में होंगे ये पद
प्रमंडलीय उप निदेशक 01
जिला पिछ़ड़ा एवं अति पिछड़ा वर्ग पदाधिकारी 38
अनुमंडल पिछ़ड़ा एवं अति पिछड़ा वर्ग पदाधिकारी 139
सहायक प्रशासी पदाधिकारी 01
प्रधान लिपिक 09
उच्चवर्गीय लिपिक 38
निम्नवर्गीय लिपिक 186
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