विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा की नाराजगी के बाद विधायकों के सवालों का जवाब देने के लिए सरकार के विभाग भी सक्रिय हो रहे हैं। मुख्य सचिव त्रिपुरारि शरण ने सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, सचिव और विभागाध्यक्षों को पत्र लिखकर हिदायत दी है। कहा गया है कि सत्र के दौरान ऐसी व्यवस्था की जाए, जिससे कार्यालय की अवधि समाप्त होने के बाद भी विधानमंडल से आए पत्र लिए जा सकें। यहां तक कि सरकारी छुट्टी के दिन भी विधानमंडल से जारी पत्रों की प्राप्ति की गारंटी हो। मुख्य सचिव ने कहा है कि विभागीय प्रधान सुनिश्चित करेंगे कि दोनों सदनों के लंबित सवालों के जवाब निश्चित रूप से समय पर भेज दिए जाएं। सामान्य सवालों के अलावा ध्यानाकर्षण सूचना, निवेदन एवं आश्वासन के जवाब भी बिना देर किए भेजे जाएं। अधिकारियों को कहा गया है कि विभाग के सवालों के दौरान वे विधानसभा और विधान परिषद की अधिकारी दीर्घा में बैठे रहें। संबंधित सवालों के बारे में पूरी जानकारी रखें। विभाग से संबंधित अनुदान मांग एवं द्वितीय अनुपूरक के समय भी संबंधित अधिकारियों की उपस्थिति अनिवार्य घोषित की गई है। मुख्य सचिव ने प्रस्तावित विधेयकों की तैयारी का निर्देश दिया है। पत्र में कहा गया कि सत्र में विभाग से संबंधित कोई विधेयक आने वाला है तो तुंरत विधि विभाग से संपर्क करें। विभागों को कहा गया है कि उन अधिकारियों के नाम, पदनाम और दूरभाष की लिखित जानकारी विधानमंडल सत्र शुरू होने के तीन दिन पहले संसदीय कार्य विभाग को दें जिन्हें सत्र में तैनात किया गया है। पहले की तुलना में विधानमंडल में सवालों के जवाब नियमित और अधिक संख्या में आ रहे हैं। फिर भी उन सवालों के लिखित जवाब आने में देरी होती है, जिनके जवाब समय पर नहीं दिए गए होते हैं। इसके चलते हरेक सत्र में बिना जवाब वाले सवालों की संख्या बढ़ जाती है.
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