राज्य के सरकारी नलकूप अब मोबाइल से बंद और चालू हो सकेंगे।तथा साथ ही, मुख्यालय में बैठे अधिकारी नलकूप की खराबी और जलस्तर का भी पता लगा सकते है। नलकूप से कितना पानी का रोज इस्तेमाल हो रहा है इसका भी पता अधिकारी लगा पाएंगे। नलकूपों को मोबाइल से जोड़ने की प्रक्रिया अब अंतिम चरण में है। इसी के साथ हर जिले के एक नलकूप को स्काडा योजना के तहत जोड़ा जाएगा। इसमें यह व्यवस्था की गई है कि अधिकारी नलकूप की खराबी से लेकर वोल्टेज और पानी की सतह तक का पता लगा पाएंगे। सरकार ने राज्य के नलकूपों को आधुनिक बनाने के लिए नेशनल हाइड्रोलॉजी प्रोजेक्ट के तहत दो योजनाएं मंजूर की है। पहली योजना मोबाइल पंप कंट्रोलर लगाने की है। और यह यंत्र राज्य के 3156 नलकूपों में लगेंगे। जल संसाधन विभाग ने 3098 नलकूपों में मशीन लगा दी है। स्काडा योजना के तहत नलकूपों की मशीन में चिप डालकर उसे मुख्यालय के नियंत्री पदाधिकारी के पास रखी मशीन से जोड़ दिया जाता है। उससे यह जानकारी मुख्यालय के अधिकारी ले सकेंगे कि कितने घंटे मशीन चली।यह योजना वर्ल्ड बैंक की तरफ से है। तथा यह योजना मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश में पहले से ही लागू है। और अब बिहार इसे लागू करने की तैयारी में है।
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