सरकारी प्राइमरी स्कूलों में शारीरिक शिक्षा सह स्वास्थ्य अनुदेशक के 8386 पदों पर वैंकेसी अब नए साल में ही आएगी।मंत्रिपरिषद ने राज्य के राजकीयकृत प्रारंभिक विद्यालयों में 8386 शारीरिक शिक्षा सह स्वास्थ्य अनुदेशकों के पदों को स्वीकृति दी थी। मंत्रिमंडल ने प्रारंभिक विद्यालयों में तत्काल एक-एक शारीरिक शिक्षा अनुदेशक बहाल करने पर अपनी मुहर लगाई है। यह बहाली अनुबंध पर होगी और शारीरिक शिक्षा अनुदेशकों को 8000 महीने का नियत वेतन मिलेगा। अलबत्ता 200 सालाना इसमें वृद्धि पर भी स्वीकृति दी गयी है।
शिक्षा विभाग लम्बे समय से लंबित चल रही इस बहाली को यथाशीघ्र करने का मन बना चुका था और अभ्यर्थियों की ओर से अलग-अलग फोरम पर उठायी जा रही मांग के मद्देनजर पद सृजन की स्वीकृति कैबिनेट से कराई गई है। लेकिन प्रदेश में फिलहाल गांवों की सरकार के गठन का कार्यक्रम चल रहा है और दिसम्बर मध्य तक चलेगा। तबतक आदर्श चुनाव आचार संहिता जारी रहेगी। शारीरिक शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया को लेकर पूछे गये सवाल पर शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी और विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार, दोनों ने ही कहा कि पंचायत चुनाव की प्रक्रिया समाप्त होने के बाद ही नियुक्ति विज्ञापित की जा सकेगी।
इंतजार कर रहे सफल अभ्यर्थी होंगे नियुक्त
राज्य में करीब 29 हजार मध्य विद्यालय हैं। विभाग के निर्देश पर बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने 2018 में 16 दिसम्बर को इस पद पर बहाली के लिए परीक्षा ली। 29 हजार पद के लिए कुल 8039 अभ्यर्थियों ने आवेदन दिए और इनमें से करीब 3500 सफल घोषित हुए।
2012 में हुआ था नियमावली में संशोधन
मिडिल स्कूल में वेतनमान 5500-20200 तथा ग्रेड पे 2000 जबकि हाईस्कूलों में 5500-20200 के वेतनमान और 2400 इनका ग्रेड पे था। प्लसटू में पढ़ाई होने के बावजूद शारीरिक शिक्षकों के पद नहीं हैं। परंतु शिक्षक नियोजन नियमावली 2012 में शारीरिक शिक्षा अनुदेशक की नियुक्ति का प्रावधान किया गया और इसके लिए अर्हता भी तय कर दिया गया था।
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