रविवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बापू सभागार में पटना और नालंदा की लगभग ढाई हजार जीविका दीदियों के साथ संवाद किया। पहले उनके अनुभव सुने और फिर हाथ उठाकर उनका समर्थन लिया। कहा कि हमारा अभियान सीमित दायरे में है। लेकिन जीविका दीदी जब अपने-अपने इलाके में काम करेंगी तो उसका संदेश पूरे समाज में जाएगा। इसका व्यापक असर होगा। साथ ही पटना के पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों को टास्क सौंपा कि यहां और मुस्तैदी से कार्रवाई करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शराब पीना खराब बात है। बापू ने कहा था कि शराब पीने से न केवल धन की हानि होती है बल्कि बुद्धि का भी हरण हो जाता है। आजादी के पहले ही बापू शराबबंदी के पक्षधर थे। अब आजादी के बाद भी लोग शराब पीने की बात कर रहे हैं, जो गलत है।
1977 में कर्पूरीजी ने शराबबंदी लागू की थी। दो साल में ही इसे हटा लिया गया। बावजूद इसके मेरे मन में शराबबंदी की योजना थी। शराब बिक्री के समय से ही इसके खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। 26 नवंबर को मद्यनिषेध दिवस मनाया जाता रहा। लेकिन पीने वालों की संख्या बढ़ती चली गई और सरकार को पांच हजार करोड़ तक का राजस्व आने लगा। तब मेरे मन में लगा कि यह गड़बड़ है।
सीएम ने कहा कि अब ड्रोन से तस्वीर ली जा रही है। ऊपर-ऊपर ही पता चल जाएगा कि कहां-कहां गड़बड़ हो रहा है। अभी 26 ड्रोन और एक हेलिकॉप्टर भी काम कर रहा है
सीएम बना लिए लेकिन समाज की महिलाओं की चिंता नहीं की। हम जब सरकार में आए तो निकाय चुनावों में महिलाओं को आरक्षण दिया। मेडिकल-इंजीनियरिंग कॉलेजों में एक तिहाई आरक्षण दिया। पुलिस बहाली में आरक्षण दिया। अब 25 हजार महिलाएं पुलिस में है जो देश के कम राज्यों में है। 10 लाख स्वयं सहायता समूह का आंकड़ा पार करने पर खुशी जताते हुए सीएम ने कहा कि नीरा से उत्पादन करने वालों को एक लाख दिया जाएगा।
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