बिहार में सुप्रीमकोर्ट ने लुहार जाति को अनुसूचित जनजाति मानने और प्रमाणपत्र जारी करने की अधिसूचना को ख़ारिज कर दिया है। केंद्र सरकार 1950 की लुहार जाति अनुसूचित जनजाति की सूची में नहीं है, लोहार अन्य पिछड़ा वर्ग ओबीसी में रहेंगे और उन्हें अनुसूचित जनजाति का प्रमाण पत्र नहीं मिलेगा।पीठ ने लोहार जाति को अनुसूचित जनजाति में लाने की बिहार सरकार की 23 अगस्त 2016 की अधिसूचना को निरस्त कर दिया और कहा कि लोहार पहले की तरह से ही अन्य पिछड़ा वर्ग में ही रहेंगे और उन्हें अनुसूचित जनजाति में नहीं गिना जाएगा। लोहरा या लोहरास ही अनुसूचित जाति में आएंगे और उन्हें ही इसका प्रमाणपत्र मिलेगा।
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