बृहस्पतिवार को कुलपतियों की बैठक में उनसे विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रम में लोकनायक जयप्रकाश नारायण (Jai Prakash Narayan) एवं राम मनोहर लोहिया (Ram Manohar Lohia) की विचारधारा संबंधी पाठ को शामिल करने के संबंध में विस्तृत विचार-विमर्श किया. साथ ही सर्वसम्मति के बाद निर्धारित प्रक्रिया का पालन सुनिश्चित कर इन्हें पाठ्यक्रम में शामिल करने के निर्देश दिए. बैठक में शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने राज्य सरकार का दृष्टिकोण रखते हुए कहा कि बिहार की जनभावना का सम्मान करते हुए जेपी और लोहिया के विचारों को विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाना अत्यंत आवश्यक है.
राजभवन के दरबार हॉल में आयोजित इस बैठक में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार, राज्यपाल के सचिव रॉबर्ट एल चोंग्थू, विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपतिगण, राज्यपाल सचिवालय के वरीय पदाधिकारीगण एवं अन्य लोग उपस्थित थे. इस पर बिहार सरकार ने नाराजगी जाहिर की थी.
मीडिया में आयी खबर के मुताबिक, राजभवन के संबंधित विषयों के विशेषज्ञ शिक्षकों की टीम द्वारा सीबीएस का पाठ्यक्रम तैयार कर विश्वविद्यालयों में भेजा गया है. इसके तहत जयप्रकाश नारायण विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान के स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम से लोकनायक जयप्रकाश नारायण एवं राम मनोहर लोहिया के राजनीतिक विचार एवं दर्शन को हटाकर अब पाठ्यक्रम में पंडित दीन दयाल उपाध्याय, ज्योतिबा फुले सहित अन्य को शामिल किया गया है.
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