July 1, 2025

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जानें क्या है पूरा मामला, कोर्ट ने पूछा- माखन चोरी बाल लीला तो मिठाई चोरी अपराध कैसे?

ननिहाल आए 15 वर्षीय किशोर के विरुद्ध मिठाई व मोबाइल चोरी मामले में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने किशोर को रिहा कर दिया। किशोर की दर्द भरी दास्तां सुनकर जज ने न सिर्फ रिहाई दी, बल्कि आरा की जिला बाल संरक्षण इकाई को बच्चे का उचित मूल्यांकन करते हुए देखभाल योजना से लाभ दिलाकर अपराध से रोकने का निर्देश दिया है। महज 15 दिनों में इस मामले की सुनवाई पूरी की गयी। मिठाई चोरी पर जज ने कहा- माखन चोरी बाल लीला तो मिठाई चोरी अपराध कैसे है। मामले की एफआईआर करने वाले हरनौत प्रखंड के चेरो थानाध्यक्ष को चेताते हुए जज ने कहा कि छोटे-मोटे अपराध में किशोर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने से बचें। उसे समाज की मुख्यधारा में लाने का प्रयास किया जाना चाहिए। जज ने कहा कि अगर उसका अपना बेटा मिठाई, मोबाइल या पैसे चुराता तो क्या वह उसे पुलिस को सौंप देती या उसे समझाती। आरोपित किशोर भोजपुर जिले के आरा का रहने वाला है। घटना के समय वह अपने ननिहाल हरनौत क्षेत्र के एक गांव आया हुआ था।  जब उसे समझाया गया, तो वह फफक-फफक कर रोने लगा। रोते हुए उसने अपने परिवार की स्थिति बयां की। किशोर के अधिवक्ता कंचन कुमार की मानें तो किशोर के पिता रोग ग्रस्त हैं। मामा और नाना की भी मौत हो चुकी है। घटना के समय वह काफी भूखा था। पड़ोस की मामी के घर चला गया और वहां भूख मिटाने के लिए फ्रीज में रखी मिठाई खा ली। बालपन के कारण फ्रीज पर रखा मोबाइल लेकर गेम खेलने लगा। जज ने कहा- माखन चोरी बाल लीला तो मिठाई चोरी अपराध कैसे है। मामले की एफआईआर करने वाले हरनौत प्रखंड के चेरो थानाध्यक्ष को चेताते हुए जज ने कहा कि छोटे-मोटे अपराध में किशोर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने से बचें। उसे समाज की मुख्यधारा में लाने का प्रयास किया जाना चाहिए। वहीं उन्होंने केस दर्ज कराने वाली महिला को भी बच्चों के प्रति सहिष्णु व सहनशील बनने की नसीहत दी। 

जज ने कहा कि अगर उसका अपना बेटा मिठाई, मोबाइल या पैसे चुराता तो क्या वह उसे पुलिस को सौंप देती या उसे समझाती। आरोपित किशोर भोजपुर जिले के आरा का रहने वाला है। घटना के समय वह अपने ननिहाल हरनौत क्षेत्र के एक गांव आया हुआ था।