बिहार के छपरा में रेत से लदी नाव गंगा नदी में पलटने से दर्दनाक हादसा हो गया। नाव पर 14 मजदूर सवार और कुछ अन्य लोग भी मौजूद थे। सभी मजदूरों के डूबने की आशंका जताई जा रही है। हालांकि, कुछ मजदूर नदी में तैर कर बाहर आ गए हैं। घटना की जानकारी मिलते ही आला अधिकारी मौके पर पहुंचे और लापता मजदूरों की तलाश की जा रही है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, तेज हवा चलने और बारिश होने से यह हादसा हुआ है। सूत्रों की मानें तो गुरुवार देर रात मजदूर रेत लेकर लौट रहे थे, अंधेरा होने की वजह से मजदूर कुछ समझ पाते कि इससे पहले ही यह हादसा हो गया।
डोरीगंज और मनेर की सीमा के पास यह हादसा हुआ है। कोईलवर से बालू लाद कर नाव लौट रही थी। नाव पर बालू लादने और उतारने वाले मजदूरों के अलावा कुछ और लोग सवार थे। गंगा में लापता हुए मजदूर मुजफ्फरपुर और मोतिहारी के बताए जा रहे हैं। गोताखोरों की मदद से ढूंढा जा रहा है, लेकिन गंगा नदी का जलस्तर बढ़ने से रेस्क्यू टीम को परेशानी हो रही है। गौरतलब है कि डोरीगंज और मनेर के पास इससे पहले भी रेत (बालू) लदी नावें डूबती रही हैं। बीते दो दिन पहले ही इसी जगह पर बालू लदी एक नाव डूबी थी। इस घटना में सभी मजदूर सुरक्षित बच गए थे।
10 अगस्त को 6 मजदूर हुए थे लापता
पिछले महीने 10 अगस्त को बिंदगावा गांव के पास आरा-छपरा पुल के पिलर से टकराकर एक नाव पलट कर डूब गई थी। इसमें नाव सवार 6 लोग लापता हो गए थे। नाव उत्तर प्रदेश के महुली घाट से रेत बेचकर वापस आ रही थी। अंधेरा होने के कारण नाव बिंदगावा गांव के पास आरा-छपरा पुल के पाए से टकरा गई। नाव पर 12 मजदूर सवार थे।
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