July 1, 2025

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इन लोगों को लगती है ज्यादा ठंड, डॉक्टर ने बताया- जानलेवा मौसम से कैसे कर सकते हैं , बचाव

एसकेआर योग एवं रेकी शोध प्रशिक्षण और प्राकृतिक संस्थान प्रयागराज रेकी सेंटर पर जाने-माने एवं स्पर्श चिकित्सा के प्रख्यात ज्ञाता सतीश राय ने बताया कि जैसे जैसे ठंड बढ़ती है शरीर को ज्यादा ऊर्जा की जरूरत पड़ती है सर्दियों में ठंड से बचने और ऊर्जा प्राप्त करने का सबसे सरल उपाय है जमकर खाना l सर्दी से बचने के लिए खान-पान और जीवन शैली में कुछ बदलाव जरूरी है
मौसम बदलाव के समय लोग ज्यादा बीमार होते हैं l तापमान के बढ़ने या गिरने से सांस के रोगियों की बीमारियां बढ़ जाती हैं l यह बीमारी ठंड के मौसम में ज्यादा होती है l सर्दियों में अपने जीवन शैली में परिवर्तन कर शरीर को कड़ाके की ठंड से जूझने के लिए तैयार करें ताकि मौसमी बीमारियों से बचाव हो lखान-पान में बदलाव करें, शरीर की रोग- प्रतिरोधक क्षमता मजबूत करें, शरीर को गर्म रखने का उपाय करें ल
यह बातें एसकेआर योग एवं रेकी शोध प्रशिक्षण और प्राकृतिक संस्थान प्रयागराज रेकी सेंटर पर जाने-माने एवं स्पर्श चिकित्सा के प्रख्यात ज्ञाता सतीश राय ने कही l

उन्होंने कहा कि जैसे जैसे ठंड बढ़ती है शरीर को ज्यादा ऊर्जा की जरूरत पड़ती है सर्दियों में ठंड से बचने और ऊर्जा प्राप्त करने का सबसे सरल उपाय है जमकर खाना l सर्दी से बचने के लिए खान-पान और जीवन शैली में कुछ बदलाव जरूरी है इसमें गर्मी देने वाले आहार जैसे अदरक, लहसुन, जायफल, हींग, काली मिर्च, गिलोय, अश्वगंधा, लौंग, दूध घी शहद गुड तिल ड्राई फ्रूट, मौसमी सब्जियां, मौसमी फल आदि को अपने भोजन में शामिल करे।
सर्दियों में शरीर के बंद होने लगते हैं रोम छिद्र
सतीश राय ने कहा कि सर्दियों में शरीर के रोम छिद्र बंद होने लगते हैं। ऐसे में, शरीर को जरूरी ऑक्सीजन की कमी हो जाती है इससे बचने का उपाय करना चाहिए, ऐसे में शरीर को गर्माहट से ज्यादा फायदा होता है इसके लिए लाइफ रूटीन में कुछ छोटे बदलाव करने हैं सुबह उठे तो तुरंत ना उठकर बिस्तर पर ही गहरी लंबी सांस लें और छोड़ें अपने हाथ पैरों को इधर-उधर चलाएं बिस्तर छोड़ने के पश्चात रोजाना हल्की एक्सरसाइज करने की आदत डालें l

सतीश राय ने कहा कि स्पर्श-ध्यान को अपने जीवन का हिस्सा बनाने से मौसम बदलने पर स्वास्थ से जुड़ी मौसमी चुनौतियां जैसे सर्दी-जुकाम, खांसी, बुखार गले में खराश, छाती में कफ जमने जैसे रोगों से बचाव होगा l प्राकृतिक उपचार से अपने रोगों को ठीक करने की आदत डालें l

उन्होंने कहा कि वर्तमान में शरीर के दर्द को दूर करने के लिए लोग तुरंत दर्द की दवा खा लेते हैं यह दवा किडनी को बहुत नुकसान पहुंचाता है l दर्द निवारक दवाइयां खून के प्रवाह को कम करती हैं जिसकी वजह से दर्द कम महसूस होता है इस दवा के ज्यादा इस्तेमाल से पेट की तरलता कम होती है जिससे पेट में एसिडिटी एवं अल्सर होने की संभावना बढ़ जाती है l इसलिए दर्द निवारक दवा कम से कम खाएं l दर्द निवारक दवा के विषय में लोगों को जानकारी कम है इसलिए थोड़ा सा भी दर्द होने पर तुरंत पेन किलर खा लेते हैं l

ठंड किन्हें ज्यादा लगती है?
सतीश राय ने कहा जिन लोगों का ब्लड सर्कुलेशन कम रहता है उन लोगों को ठंड ज्यादा लगती है शरीर की धमनियां संकुचित हो जाने से रक्त प्रवाह कम हो जाता है ऐसे में उन लोगों को औरों से ज्यादा ठंड लगती है ऐसे में हमारी चिकित्सा ऐसी होनी चाहिए जो शरीर के अंदर रोगों से लड़ने वाली सुरक्षा शक्तियों को कोई नुकसान ना पहुंचाएं बल्कि उन्हें ताकतवर बनाएं l

ठंड के मौसम में बैक्टीरिया, वायरस सक्रिय हो जाते हैं जो कमजोर इम्यूनिटी वालों को परेशान करते हैं ऐसे में हमें आध्यात्मिक उपचार के विकल्प को अपनाये जाने पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए l स्पर्श-ध्यान सबसे सरलसम और दुष्प्रभाव रहित पद्घती है जो बिना किसी खर्च किए हमें आध्यात्मिक रूप सेअंदर से मजबूत बनाती है l